जयपुर। पुलिस मुख्यालय क्राइम ब्रांच की टीम ने आयुतालय जयपुर के करधनी थाना क्षेत्र में एक स्विफ्ट कार में सवार तीन बदमाशों को पकड़ उच्च क्वालिटी की एक किलो 640 ग्राम अफीम बरामद की है। जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 8 लाख रुपए है। पकड़ में आए आरोपी फर्जी पुलिसकर्मी बन लोगों को धमका कर अवैध वसूली भी किया करते हैं।
फर्जी पुलिसकर्मी बन धमका कर अवैध वसूली करते
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध दिनेश एमएन बताया कि अवैध मादक पदार्थो की धर पकड़ के लिए स्टेट क्राइम ब्रांच द्वारा चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत गुरुवार को टीम ने करधनी थाना क्षेत्र में कार्रवाई कर एक स्विफ्ट कार मे सवार सुभाष जाट पुत्र मन्ना लाल निवासी थाना दातारामगढ़ जिला सीकर, जयपाल सेपट उर्फ जेपी पुत्र मालीराम और बाबूलाल पुत्र सुखराम निवासी थाना रेनवाल जिला जयपुर ग्रामीण को डिटेन किया। एडीजी एमएन ने बताया कि तीनों आरोपी फिलहाल करधनी थाना क्षेत्र के गोविंदपुरा इलाके में किराये से रहते हैं। इनके बारे में क्राइम ब्रांच के एएसआई बनवारी लाल शर्मा को मुखबिर से सूचना मिली कि करधनी इलाके में कुछ लड़के अपने आप को पुलिस वाला बता धमका कर लूटपाट करते हैं, इन्होंने अपनी एक पुरी गैंग बना रखी है।
पूछताछ में घबरा गए कार सवार युवक
इस सूचना को डवलप कर पुख्ता करने आईजी क्राइम प्रफुल्ल कुमार के सुपरविजन एवं एडिशनल एसपी राजेश मलिक के नेतृत्व में एएसआई बाबूलाल शर्मा, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार, सोहन सिंह, कांस्टेबल जितेंद्र कुमार, कुलदीप सिंह, छोगा लाल, मनोज और कांस्टेबल चालक सुरेश कुमार की टीम आयुक्तालय जयपुर भेजी गई। एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि सूचना पुख्ता होने पर एसएचओ करधनी को सूचना देकर मय टीम के मौके पर बुलाया गया। दोनों टीमों ने बदमाशों की कार को घेर लिया। कार सवार तीन युवकों से पूछताछ की तो वे घबरा गए और अलग-अलग नाम पता बताने लगे। सख्ती से पूछताछ की गई तो अपना नाम सुभाष जाट, जयपाल सैपट उर्फ जेपी और बाबूलाल बताया। कार की तलाशी में डैशबोर्ड से 1 किलो 640 ग्राम अफीम मिली।
पहले भी कई मामले दर्ज
एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि इस पर तीनों को थाना करधनी पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में इन्होंने यह अफीम चित्तौड़गढ़ से लाना बताया। गिरफ्तार आरोपी जयपाल सेपट उर्फ जेपी और बाबूलाल के विरुद्ध पहले भी कई आपराधिक मुकदमे दर्ज है। जयपुर में किराए से कमरा लेकर फर्जी पुलिस वाले बनकर लोगों को धमका कर अवैध वसूली भी किया करते हैं। आरोपियों से थाना पुलिस पूछताछ कर रही है। जिसमें और भी खुलासे होने की पूर्ण संभावना है।
एडीजी ने बताया कि टीम का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश मलिक ने किया। संपूर्ण कार्रवाई में एएसआई बनवारी लाल शर्मा, हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार, कांस्टेबल कुलदीप सिंह, चालक सुरेश कुमार व छोगाराम की विशेष भूमिका रही, वही तकनीकी क्षेत्र में हेड कांस्टेबल सोहन सिंह, शंकर दयाल शर्मा, कांस्टेबल जितेंद्र कुमार, सोहन देव व मनोज कुमार का अहम रोल रहा।