शरद पुरोहित,जयपुर। संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सत्य हमेशा जीतता है। उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ झूठे आरोपों का षड्यंत्र उनकी राजनीतिक छवि धूमिल करने के लिए रचा गया था, लेकिन आज अदालत ने एसओजी की जांच को रद्द करते हुए सत्य का साथ दिया।
गजेंद्र सिंह शेखावत पर लगे आरोप और हाईकोर्ट का निर्णय
राजस्थान की गहलोत सरकार ने संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी मामले में गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ एसओजी में मामला दर्ज कराया था। इस पर शेखावत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने एसओजी से पूछा कि क्या वह शेखावत के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने का इरादा रखती है। एसओजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि शेखावत के खिलाफ कोई भी सबूत नहीं मिला।
एसओजी की रिपोर्ट और कोर्ट का आदेश
एसओजी ने कोर्ट में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ कोई प्रमाण नहीं है और उनके खिलाफ किसी भी आरोप को साबित करने योग्य साक्ष्य नहीं मिले हैं। कोर्ट ने कहा कि एसओजी द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर शेखावत के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि एसओजी अब बिना कोर्ट की अनुमति के शेखावत के खिलाफ किसी तरह की जांच नहीं कर सकती है।
शेखावत की प्रतिक्रिया
गजेंद्र सिंह शेखावत ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “झूठ खड़ा करने का षड्यंत्र मेरी राजनीतिक छवि को धूमिल करने के लिए किया गया था, लेकिन सत्य की हमेशा जीत होती है। आज अदालत के निर्णय ने उन लोगों के मुंह पर तमाचा लगाया है, जो इस घटिया मानसिकता के साथ काम कर रहे थे।”
गहलोत सरकार और शेखावत के बीच तनाव
गहलोत सरकार और गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच इस मामले को लेकर कई बार तीखी बयानबाजी भी हुई थी। शेखावत ने पहले भी आरोप लगाया था कि यह मामला राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उनके खिलाफ लाया गया था।