परमाणु नगरी में अधिकारियों और भूमाफियाओं के गठजोड़ का शिकार हुआ आम आदमी

फलसूंड रोड पर लक्ष्मण माली और उसकी पत्नी अपने बेटे कमलेश के साथ एक झोपड़े में रहते है । कमलेश ने कहा कि वो यहां पास ही एफएसटीपी प्लांट में गार्ड की नौकरी करता है और 13 सालों से यहां पास में ही एक जमीन पर झोपड़ा बनाकर रह रहा है । कमलेश ने बताया कि उसके घर के पास ही नगरपालिका का खाली भूखंड है जिस पर भूमाफियाओं की नजर थी ,उन लोगों ने गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर मेरे पिता लक्ष्मण माली के नाम से उस जमीन का पट्टा ले लिया है।

कुलदीप छंगाणी, पोकरण। जैसलमेर के पोकरण में इन दिनों गैरकानूनी तरीके से पट्टे जारी करने का मामला गरमाया हुआ । शहर में सरकारी जमीन के साथ ही आगोर और नदियों के भूखंडों पर भूमाफियों द्वारा किए गए कब्जों के नियम विरुद्ध पट्टे जारी करने की आम लोगों के बीच की चर्चाओं पर तब मुहर लग गई जब बीते शुक्रवार को उपखंड अधिकारी प्रभजोत सिंह गिल ने एक आदेश जारी कर उसमें लिखा कि नगरपालिका क्षेत्र में नियम विरुद्ध पट्टे जारी करना संज्ञान में आया है। आदेश में नगरपालिका अधिशासी अधिकारी जोधाराम बिश्नोई को पाबंध करते हुए उसे पट्टा जारी करने से पहले एसडीएम के हस्ताक्षर करवाने की बात कहीं गई है । शहर में फर्जी पट्टे जारी होने का मामला इतना गरमा गया कि स्थानीय विधायक महंत प्रतापपुरी ,नगरपालिका अध्यक्ष मनीष पुरोहित , और एसडीएम प्रभजोत सिंह गिल को सामूहिक प्रेस कांफ्रेंस कर लोगों को आश्वस्त करना पड़ा कि जल्द जांच करके फर्जी पट्टा धारकों के पट्टे निरस्त किए जायेंगे और संबंधित अधिकारी पर कार्यवाही भी की जायेगी । इन सबके बीच हमने अपनी पड़ताल में जमीन के सौदागरों की एक नई कहानी ही नजर आई है जिसमें एक आम आदमी अधिकारियों और भूमाफियाओं के गठजोड़ का शिकार हो गया है ।

गलत दस्तावेज देकर पट्टा लेने का आरोप

दरअसल क्षेत्र के फलसूंड रोड पर लक्ष्मण माली और उसकी पत्नी अपने बेटे कमलेश के साथ एक झोपड़े में रहते है । कमलेश ने कहा कि वो यहां पास ही एफएसटीपी प्लांट में गार्ड की नौकरी करता है और 13 सालों से यहां पास में ही एक जमीन पर झोपड़ा बनाकर रह रहा है । कमलेश ने बताया कि उसके घर के पास ही नगरपालिका का खाली भूखंड है जिस पर भूमाफियाओं की नजर थी ,उन लोगों ने गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर मेरे पिता लक्ष्मण माली के नाम से उस जमीन का पट्टा ले लिया है। जबकि पट्टा हमें प्राप्त नहीं हुआ है और न ही हमारा उस जमीन पर कब्जा है ,वो पट्टा अब भी उन लोगों के पास ही है । कमलेश ने हमें अपने पिता के नाम की स्थानीय अखबार में प्रकाशित की गई उजरदारी भी दिखाई ।

पोकरण में फर्जी पट्टा वितरण का विवाद बढ़ने के बाद प्रशासन ने पट्टों की जांच करना शुरू कर दिया है । कमलेश ने भी जुलाई 2024 में नगरपालिका ईओ के एकल हस्ताक्षर का पट्टा प्राप्त किया था । प्रशासन ने उसके पट्टे को फर्जी बताते हुए उसे जगह खाली करने का आदेश दिया है । लेकिन उस जमीन का क्या जिसका पट्टा एक खाली भूखंड पर उसके पिता लक्ष्मण माली के नाम से ले लिया गया है जो कि उसे प्राप्त भी नही हुआ है ?

कमलेश और उसके पिता अब अपने घर के पट्टे को लिए लोगों को दिखा रहे है कि नगरपालिका के अधिकारी ने हमें यह पट्टा अपना हस्ताक्षर करके दिया है तो फर्जी कैसे हो सकता है ? अब कमलेश को वो जमीन कैसे आवंटित हुई यह तो प्रशासनिक जांच से ही पता चल पाएगा लेकिन इस एक मामले से इस बात की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता कि पोकरण में गलत तरीके से सरकारी जमीन का आवंटन किया गया है । अब देखना यह होगा कि प्रशासन का डंडा एक गरीब कमलेश पर आकर रुक जाता है या फिर यह उन बड़े जमीन के सौदागरों पर भी चलेगा जिन्होंने सरकार की बेशकीमती जमीन को गलत तरीके से आवंटित करवाया है ।

फर्जी पट्टों की शिकायत के बाद निष्पक्ष जांच की माँग

नगरपालिका अध्यक्ष मनीष पुरोहित ने बताया कि फर्जी पट्टों की शिकायत मिलने पर मैंने एसडीएम से निष्पक्ष जांच की मांग की थी। सभी दस्तावेजों की जांच होगी, और जिनके दस्तावेज सही नहीं पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। किसी को भी व्यक्तिगत रूप से निशाना नहीं बनाया जाएगा।

तहसीलदार पोकरण विश्वप्रकाश चारण का कहना है कि नगरपालिका पोकरण में पिछले दिनों बिना पूर्ण हस्ताक्षर के पट्टे जारी होने की शिकायतें मिली हैं। इनमें नगरपालिका अध्यक्ष और अन्य स्टाफ के हस्ताक्षर नहीं हैं। अब इन पट्टों की जांच होगी। एसडीएम पोकरण ने 430 पट्टों की सूची देकर पत्रावलियां कब्जे में लेने का आदेश दिया है। दस्तावेज सही न पाए जाने पर पट्टे खारिज किए जाएंगे।

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लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
Dr Sharad Purohithttps://x.com/DrSharadPurohit
शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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