शरद पुरोहित,जयपुर। राजस्थान के बहुचर्चित रूप कंवर सती कांड में बुधवार को 37 साल बाद विशेष सती निवारण कोर्ट जयपुर ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया। करीब चार दशक तक चली इस कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है। जिन आठ आरोपियों को बरी किया गया, उनमें श्रवण सिंह, महेंद्र सिंह, निहाल सिंह, जितेंद्र सिंह, उदय सिंह, नारायण सिंह, भंवर सिंह और दशरथ सिंह शामिल हैं।
रूप कंवर सती कांड: घटना का इतिहास
1987 में राजस्थान के सीकर जिले के दिवराला गांव में 18 साल की रूप कंवर को सती होने का मामला सामने आया था। रूप कंवर की शादी इस घटना से महज 7 महीने पहले माल सिंह शेखावत से हुई थी, माल सिंह बीमार होकर चल बसे थे। जब माल सिंह का अंतिम संस्कार हो रहा था, तब गांववालों ने ये बात फैलाई कि रूप कंवर ने अपने पति की चिता पर सती होने की इच्छा जताई है। इस घटना के बाद पूरे देश में हंगामा मच गया।
सती होने के लिए मजबूर किया गया
उस वक्त आरोप लगे थे कि रूप कंवर ने अपनी इच्छा से सती नहीं हुई थी, बल्कि उसे इसके लिए मजबूर किया गया था। उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री हरदेव जोशी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 39 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि गांववालों ने सती प्रथा का महिमामंडन किया और रूप कंवर को सती होने के लिए उकसाया।
सती के दौरान की गई क्रूरता
प्रत्यक्षदर्शी तेज सिंह शेखावत ने बताया कि रूप कंवर को सोलह शृंगार कराकर चिता के पास लाया गया था। चिता पर चढ़ने से पहले उसने 15 मिनट तक परिक्रमा की। फिर, उसे पति की चिता पर बैठा दिया गया, लेकिन जब आग नहीं जली तो गांववालों ने घी डालकर आग को तेज किया। रूप कंवर जलती हुई चिता से नीचे गिरी, लेकिन वह वापस आकर अपने पति का पैर पकड़कर चिता पर बैठ गई।
सती प्रथा के खिलाफ सख्त कदम
इस घटना के बाद राजस्थान और देशभर में सती प्रथा के खिलाफ भारी विरोध हुआ। इस कांड ने कानून व्यवस्था और सामाजिक चेतना पर गहरा प्रभाव डाला। बाद में सती प्रथा के खिलाफ कड़े कानून बनाए गए, जिनमें आईपीसी की धारा 306 के तहत सती के लिए उकसाने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का प्रावधान है।
आरोपियों का कोर्ट द्वारा दोषमुक्त होना
37 साल बाद अब विशिष्ट सती निवारण कोर्ट ने सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया है। इस फैसले से जुड़ी कानूनी लड़ाई लंबे समय से चल रही थी। कोर्ट ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया।