अंकित तिवारी, जयपुर। जयपुर में खेती, किसानी और पर्यावरण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर मीडिया सम्मेलन आयोजित होगा। शनिवार चार जनवरी को आयोजित हो रहे कार्यक्रम में राजनीति, मीडिया, सामाजिक सेवा, सीएसआर, एग्रो, इनोवेशन और तकनीकी क्षेत्रों में सक्रिय विशेषज्ञ संबोधित करेंगे।
मीडिया स्कैन और ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन का आयोजन
मीडिया स्कैन और ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में ‘खेत, किसान और पर्यावरण के मुद्दे पर मीडिया से जुड़े सवाल’ पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य खेत, किसान और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर मीडिया से जुड़े सवालों को सामने लाना है। इस कार्यक्रम का आयोजन 4 जनवरी शनिवार को दोपहर 2 बजे झालाना सांस्थानिक क्षेत्र स्थित राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति, जयपुर के मोहनसिंह मेहता सभागार में किया जाएगा।
ओपन हाउस में इन वक्ताओं को मिलेगा मौका
मीडिया स्कैन के निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि कार्यक्रम में प्रमुख वक्ताओं के रूप में प्रमोद शर्मा (निदेशक, ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन), राजकिशोर (संपादक, बुलंद भारत), प्रताप राव (सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता), हिरेन जोशी (मीडिया सलाहकार, मुख्यमंत्री, राजस्थान), अनिल पांडेय (वरिष्ठ पत्रकार), रमन कांत त्यागी (अध्यक्ष, भारतीय नदी परिषद), आदित्य भारद्वाज (समाचार संपादक, पाञ्चजन्य), डॉ. प्रवेश कुमार चौधरी (प्राध्यापक, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय), तनवा प्रफुल्ल गडकरी (युवा एक्टिविस्ट), सुरेश रायकवार (तरूण भारत संघ, जयपुर), लेखराम यादव (करोड़पति किसान) और आशीष कुमार अंशु सहित कई प्रमुख वक्ता उपस्थित रहेंगे।
समाज में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास
ग्रासरूट मीडिया फाउंडेशन के प्रवक्ता सुरेन्द्र बैरवा ने बताया कि यह कार्यक्रम विशेष रूप से किसानों के मुद्दों और पर्यावरण संरक्षण को लेकर मीडिया की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करेगा। कार्यक्रम में विभिन्न मीडिया हस्तियों, विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं के द्वारा विचार साझा किए जाएंगे, जिससे समाज में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा, इस कार्यक्रम में कॉलेज, विश्वविद्यालय के छात्र, युवा किसान, युवा पत्रकार और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी भाग लेंगे, जो खेत, किसान और पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं पर अपने विचार व्यक्त करेंगे। यह आयोजन कृषि और पर्यावरण के क्षेत्र में मीडिया के योगदान को रेखांकित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किसानों की समस्याओं को प्रभावी रूप से उठाने और समाधान खोजने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।