केंद्र सरकार की सक्रियता के बाद राजस्थान में भी कोविड-19 की प्रक्रिया तेज हो गई है। राजस्थान में कोविड-19 प्रबंधन के लिए आज राजकीय चिकित्सा संस्थानों में मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। मॉकड्रिल के जरिए कोरोना पर बंधन और दवाओं से जुड़ी जानकारियों के साथ-साथ ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था को जांचा गया।
राजस्थान के सभी अस्पतालों में मॉकड्रील
प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा टी रविकांत ने बताया कि कोविड-19 बढ़ने से बेहतरीन प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। मॉकड्रील के तहत एसएमएस मेडिकल कॉलेज और इससे जुड़े अस्पतालों में अधिकारी पहुंचें। वहीं राजस्थान के सभी चिकित्सा संस्थानों में कोविड-19 मैनेजमेंट को लेकर जांच की गई।
कोविड प्रबंधन को लेकर जांच
मॉक ड्रिल के तहत ओडी,ओपीडी और आईपीडी की व्यवस्थाओं,ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट, ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक, वेंटीलेटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की उपयोगिता के साथ आईसीयूबैक्स और साधारण बेड की उपलब्धता जांची गई। दवा वितरण केंद्रों में उपलब्ध दवा, स्टॉफ, चिकित्सा और नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता सहित कोविड-19 के लिए जरूरी व्यवस्थाओं की जांच की गई
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राजस्थान में कोविड केस नियंत्रण में
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ पृथ्वी ने बताया कि मॉकड्रील के दौरान सभी उपकरणों को सुचारू रखने, आवश्यकता पड़ने पर आइसोलेशन वाडों की व्यवस्था करने पर फोकस रहा। कोविड-19 वेक्सीनेशन सेंटर्स को सक्रिय रखने सहित अन्य जरुरी आवश्यकताओं का गंभीरता निरीक्षण किया गया। कोविड-19 मैनेजमेंट से जुड़े सभी कार्मिकों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। डॉ पृथ्वी ने कहा कि प्रदेश में पिछले सप्ताह की रिपोर्ट के आधार पर कोविड-19 रेट मात्र 0.1 प्रतिशत है और वर्तमान में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए राजस्थान की चिकित्सा व्यवस्था में पूरी तरह मजबूत है। भविष्य में भी मॉक ड्रिल के तहत कोविड-19 की आवश्यकताओं को जांचा जाएगा।