चौक टीम, जयपुर। राजस्थान के कोटा जिले में दिनों दिन बढ़ रहे कोचिंग छात्रों के सुसाइड के मामलें में गहलोत सरकार सख्त कदम उठा रही है. राज्य सरकार ने कोटा में बढ़ते मामलों को लेकर हाल ही में कमेटी गठित की थी. जिसके बाद अब उस हाई पावर कमेटी ने नई गाइडलाइन (Guidelines on Kota suicide) जारी की है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा से लगातार सामने आ रही छात्र आत्महत्या की खबरों को लेकर 18 अगस्त 2023 को कोचिंग संचालकों के साथ बातचीत की और इस समस्या का समाधान निकलने के लिए 24 अगस्त को एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया गया.
इस रिपोर्ट को राज्य सरकार के सक्षम स्तर से स्वीकार कर लिया गया है. यह गाइडलाइन (Guidelines on Kota suicide) राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा सचिव भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर जारी की गई है.
हाई पावर कमेटी की नई गाइडलाइन में क्या?
- अब कोचिंग संस्थान असेसमेंट टेस्ट का रिजल्ट सार्वजनिक नहीं करेंगे.
- असेसमेंट टेस्ट का विश्लेषण कर कम नंबर वाले स्टूडेंट्स की विशेष काउंसलिंग
- कोचिंग संचालक, हॉस्टल या पीजी संचालक, कोचिंग संस्थान स्टूडेंट्स को 9वीं कक्षा से पहले कोचिंग में प्रवेश लेने को प्रोत्साहित नहीं करेंगे.
- कोचिंग में एडमिशन से पहले क्षमता का आंकलन करने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट होगा.
- अभिभावकों की भी काउंसलिंग की जाए और कोचिंग क्लास के दौरान फ़िजिकल एनवायरमेंट का विशेष ध्यान रखा जाए.
- तीन महीने में एक बार ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से पैरेंट-टीचर मीटिंग करें.
- कोचिंग संस्थान सप्ताह में एक दिन का पूर्ण अवकाश रखें. अवकाश के अगले दिन टेस्ट नहीं लें.
- स्टूडेंट्स की 45 दिन, 90 दिन और 120 दिन पर तीन काउंसलिंग करें. इस दौरान यदि स्टूडेंट की परफॉर्मेंस में सुधार नहीं नज़र आता है तो पैरेंट को बुलाकर कैरियर ऑप्शन्स बताएं.
- कोचिंग संस्थान में टेली मानस के टोल फ्री नंबर डिस्पले करें और बैग, आईकार्ड, पैन, बुक पर भी यह नंबर लिखे जाएं.
- स्टूडेंट्स के साथ भेदभाव नहीं करने और स्टूडेंट्स को एसे व्यक्तियों के बारे में बताएं जिन्होंने कोचिंग में असफलता के बावजूद अन्य क्षेत्रों में सफ़लता हासिल की हो.
- हॉस्टल और पीजी संचालक क्षमता से अधिक बच्चे नहीं रखें.