हिंदी पत्रकारिता दिवस आज, उदंत मार्तंड के प्रकाशन से जुड़ा है दिन

हर साल 30 मई को पूरे भारत के मीडिया में हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र उदंत मार्तंड 30 मई, 1826 को संपादित और प्रकाशित हुआ था। इसके साथ ही हिंदी पत्रकारिता 187 वर्षों तक भारत में अस्तित्व में रही। जुगल किशोर शुक्ल ने हिंदी का पहला समाचार पत्र शुरू किया। भारतीय लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पत्रकारिता की स्थापना जुगल किशोर शुक्ल के सहयोग से हुई थी।

उदंत मार्तंड- भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र

भारत में सबसे पहला हिंदी अखबार उदंत मार्तंड कहलाता था, और यह कलकत्ता में छपता था। प्रकाशन की तिथि, 30 मई, 1826 को हिंदी पत्रकारिता दिवस या हिंदी पत्रकारिता दिवस के रूप में चिह्नित किया जाता है।

हिंदी भाषा विश्व की तीसरी सर्वाधिक बोलने वाली भाषा है। जिसे भारत के अलावा विश्व के अन्य देशों में भी बोला जाता है, जैसे नेपाल, अमेरिका, पाकिस्तान जैसे और अन्य देशों में हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है। हिदी केवल भाषा ही नहीं इसे मां का दर्जा भी दिया गया है। बड़े-बड़े साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं में हिदी को मां कह कर पुकारा है। हिंदी भाषा जो भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा में से एक है, वह डिजिटल युग में स्वयं को स्थापित कर रही है। आज देश ही नहीं पूरी दुनिया जब डिजिटल की राह पर आगे बढ़ रही है तो कहना गलत न होगा कि ऐसे परिवेश में हिंदी जैसी भाषाओं की व्यापकता और आसान हो गई है।

सोशल मीडिया में तेजी से बढ़ हिंदी भाषा

हिंदी भाषा की लोकप्रियता दिनोंदिन बाजार और सोशल मीडिया में तेजी से बढ़ रही है । आज हिंदी को बढ़ावा देने और आगे ले जाने के लिए किसी व्यक्ति या व्यक्ति समूह की आवश्यकता नहीं है। बल्कि आज हिंदी भाषा को टेक्नोलॉजी से बेरोजगार युवा आगे बढ़ते जा रहे हैं। टेक्नोलॉजी ने हिंदी कोश प्रभाव बनाया है। आज के समय में बड़े पैमाने पर युवा इंटरनेट पर हिंदी सामग्री पेश कर रहे हैं। इंटरनेट पर हिंदी का प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।

बहुराष्ट्रीय कंपनियां के विज्ञापनों में हिंदी भाषा का प्रयोग

डिजिटल व‌र्ल्ड में तकनीक के सहारे हिंदी जैसी भाषाओं को खास प्राथमिकता दी जा रही है। हिंदी फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से हिंदी का उपयोग हो रहा है। वर्तमान में बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी अपने विज्ञापनों में हिंदी भाषा का प्रयोग कर रही हैं, क्योंकि उन्हें यह बात अच्छे से पता है कि बिना हिंदी के मार्केट में बने रहना संभव नहीं है। क्योंकि विश्व की बड़ी आबादी हिंदी भाषा का उपयोग करती है और हिंदी भाषा बोलने में जितना सरल है उतना ही समझने में आसान है। इसलिए डिजिटल मार्केटिंग के लिए हिंदी भाषा का प्रयोग किया जा रहा है।और इसी के साथ Amazon, Quicker, OLX जैसे बड़े ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म ने अपनी ऐप का हिंदी वर्जन लॉन्च किया है। हिंदी भाषी लोगों द्वारा तेजी से उपयोग किए जा रहे YouTube, Success, Google जैसे मजबूत ऐप हिंदी में उपयोगकर्ताओं के लिए सामग्री ला रहे हैं जो उन्हें उंचाईयों की अगली स्थिति पर ले जा रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत पसंद

विश्व के कोने-कोने से विद्यार्थी हमारी भाषा और संस्कृति को जानने के लिए हमारे देश का रुख कर रहे हैं। हमारी राष्ट्रभाषा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बहुत पसंद की जाती है। इसका एक कारण यह है कि हमारी भाषा हमारे देश की संस्कृति और संस्कारों का प्रतिबिब है। हम हमारे ही देश में अंग्रेजी के गुलाम बन बैठे हैं और हम ही अपनी हिन्दी भाषा को वह मान-सम्मान नहीं दे पा रहे हैं, जो भारत और देश की भाषा के प्रति हर देशवासियों के नजर में होना चाहिए। देश का चौथा स्तंभ मीडिया है। देश में अंग्रेजी मीडिया से ज्यादा लोग हिदी मीडिया में दिलचस्पी लेते हैं। लेकिन डिजिटल की वजह से हिदी भाषा के विस्तार पर असर पड़ रहा है। क्योंकि आज भी हम अंग्रेजी भाषा के गुलाम बने हुए हैं। डिजिटल व‌र्ल्ड में भी अंग्रेजी को ही प्राथमिकता दी जाएगी। आज भी हम लोगों की यहीं सोच है कि अगर हम अंग्रेजी बोलेंगे तो हम ज्यादा पढ़े-लिखे माने जाएंगे। ऐसा नहीं है, हिदी में बोलने से भी हमारा रुतबा नीचा नहीं होने वाला। जब तक हमारे देश के उच्च संस्थानों में हिदी को प्राथमिकता नहीं दी जाएगी, तब तक हिदी का आधार मजबूत नहीं हो सकता।

दुनियाभर में सोशल मीडिया का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है. करोड़ों लोग फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और टिक टॉक पर दिन भर में अनगिनत पोस्ट शेयर करते हैं. भारत में भी लगातार सोशल मीडिया यूजर्स की संख्या बढ़ रही है. दुनिया में सबसे ज्यादा भारतीय फेसबुक इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा ट्विटर,इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी भारतीय यूजर्स की संख्या काफी अधिक है। लेकिन एक साल पहले फेसबुक यूजर्स हिंदी में लॉगिन स्क्रीन देखकर चौंक गए थे। इसके बाद, यूएस-आधारित विज़ुअल डिस्कवरी प्लेटफ़ॉर्म पिंटरेस्ट ने एक हिंदी संस्करण जारी किया, जिससे यह भारत में उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ हो गया।

हिंदी सामग्री की खपत में 94% की वृद्धि दर

क्षेत्रीय भाषा सामग्री तेजी से लोकप्रिय हो रही है क्योंकि भारत का डिजिटल वातावरण तेजी से बदल रहा है। हिंदी भारत की सबसे अधिक बोली जाने वाली क्षेत्रीय भाषा है, जिससे हिंदी सामग्री का ऑनलाइन मिलना अधिक सामान्य हो गया है। बेशक, अंग्रेजी विश्व स्तर पर और भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है। हालाँकि, Google डेटा हिंदी सामग्री की खपत में 94% की वृद्धि दर का खुलासा करता है। वैश्विक व्यवसाय इसे ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीतियों के हिस्से के रूप में क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर देते रहे हैं।

सोशल मीडिया पर हिन्दी भाषा के विस्तार की गति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अप्रैल 2015 तक देश में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 14.3 करोड़ रही, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं की संख्या पिछले एक साल में 100 प्रतिशत तक बढ़कर ढाई करोड़ पहुंच गई जबकि शहरी इलाकों में यह संख्या 35 प्रतिशत बढ़कर 11.8 करोड़ रही। सबसे खास बात यह है, अंग्रेजी का अच्छा-खासा ज्ञान रखने वाले युवा भी अब सोशल मीडिया पर हिन्दी भाषा में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

राजस्थान चौक के लिए अर्चना यादव की रिपोर्ट।

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

लेखक परिचय

Ankit Tiwari
Ankit Tiwarihttp://rajasthanchowk.com/
वर्ष 2003 से पत्रकारिता में। बिजनेस रिपोर्टिंग, उपभोक्ता अधिकारो, आम आदमी से जुड़े पहलुओं, उद्योग, ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, टैक्स, ऊर्जा, बैंकिंग और कृषि सेक्‍टर पर विशेष पकड़।बिजनेस सेमीनार, बड़े आयोजनों सहित बहुजनहिताय के मुद्दों पर रिपोर्टिंग।
--advt--spot_img