जयपुर। 10 से 12 जनवरी तक राजस्थान विधानसभा में अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का 83वां सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। भारत के उपराष्ट्रपति और राज्य सभा सभापति जगदीप धनखड़ 11 जनवरी को सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही वह यहां पर विशिष्ट सभा को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत, राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश और राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी उद्घाटन समारोह में मौजूद रहेंगे। इस दौरान वह इस विशिष्ट सभा को भी संबोधित करेंगे। इससे पहले 10 जनवरी को भारत के विधायी निकायों के सचिवों का 59वां सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
AIPOC में इन विषयों पर होगी चर्चा
- लोकतंत्र की जननी के रूप में जी-20 में भारत का नेतृत्व
- संसद और विधानमंडलों को अधिक प्रभावी, जवाबदेह और उपयोगी बनाने की आवश्यकता
- डिजिटल संसद के साथ राज्य विधानमंडलों को जोड़ना
- संविधान के आदर्शों के अनुरूप विधायिका और न्यायपालिका के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने की आवश्यकता
10 जनवरी को भारत के विधायी निकायों के सचिवों का 59वां सम्मेलन
इस सम्मेलन में निम्न विषयों पर होगी चर्चा
- राज्य विधानमंडलों में समिति प्रणाली को मजबूत करके कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करना
- डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से भारत के विधायी निकायों को जोड़ना
- विधानमंडलों की पहुंच का विस्तार करके भारत के विधायी निकायों को लोगों के करीब लाना
पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन
83वें एआईपीओसी का समापन सत्र 12 जनवरी को होगा। जिसमें राज्यपाल कलराज मिश्र समापन समारोह में मौजूद रहेंगे। समापन सत्र में लोक सभा अध्यक्ष, राजस्थान के मुख्यमंत्री, राज्यसभा के उपसभापति और राजस्थान विधान सभा के अध्यक्ष भी शामिल होंगे। इस सम्मेलन के दौरान संसद ग्रंथालय द्वारा एक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा रहा है। अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की शुरुआत 1921 में हुई । वर्षों से यह सम्मेलन लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए नए अनुभवों और विचारों को साझा करने के लिए एक प्रभावी मंच सिद्ध हुआ है। AIPOC भारत के विधानमंडलों का सर्वोच्च निकाय है और इसका शताब्दी वर्ष समारोह 2021 में शिमला, हिमाचल प्रदेश में आयोजित किया गया था। इससे पहले जयपुर में AIPOC का आयोजन 1957, 1978 और 2011 में किया गया था । इस वर्ष AIPOC का आयोजन जयपुर में चौथी बार किया जा रहा है।