कोलायत में ज़मीन ख़रीद फ़रोख़्त का चर्चित मामला, प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा और उसकी सास पर लटकी गिरफ़्तारी की तलवार

जयपुर। राजस्थान के बीकानेर के कोलायत में ज़मीन ख़रीद फ़रोख़्त के मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा और उनकी माँ मॉरीन वाड्रा पर गिरफ़्तारी की तलवार लटक गई है। मामले में आज जोधपुर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में कोर्ट ने वाड्रा की पार्टनरशिप वाली स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी कंपनी की याचिका ख़ारिज कर दी है। हालाँकि जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी की सिंगल बेंच ने दोनों की गिरफ्तारी पर दो सप्ताह की रोक भी लगा दी है। लेकिन दो सप्ताह बाद दोनों की गिरफ़्तारी हो सकती है।

समझिए क्या ये पूरा मामला


असल में पूरा मामला वर्ष 2018 का है।जब बीकानेर के कोलायत में सरकारी ज़मीन की ख़रीद फ़रोख़्त के फ़र्ज़ीवाड़े के मामले में पुलिस ने क्या आप आयी आर दर्ज की थी मामला सुर्ख़ीयों में आया तो CBI ने इस केस को अपने हाथ में ले लिया था। इस मामले में Eडे ने भी एक प्राथमिकी दर्ज की थी।केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2016 में स्थानीय तहसीलदार की शिकायत पर पुलिस केस के बाद दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का एक केस दर्ज किया था। इस मामले के बाद स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के लायबिलिटी पार्टनर रॉबर्ट वाड्रा, उनकी मां मौरीन वाड्रा और पार्टनर महेश नागर ने राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका लगायी तोकोर्ट ने राहत देते हुए थर्ड पार्टी अंतरिम आदेश जारी किया था। जिससे रॉबर्ट वाड्रा, उनकी मां मौरीन और महेश नागर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लग गई थी। कोर्ट के इस आदेश के बाद ED फिर एक्शन में आयी और गिरफ़्तारी पर लगी अंतरिम रोक को हटाने को लेकर कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया था।
इस मामले में कल यानी बुधवार को हाईकोर्ट जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी की सिंगल बेंच में सुनवाई पूरी की थी। बचाव पक्ष की और से वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने पक्ष रखा तो यूनियन ऑफ इंडिया की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी व उनके सहयोगी भानुप्रकाश बोहरा ने पक्ष रखा। इस फैसले के बाद दो सप्ताह तक पूर्व का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। इस दौरान परिवादी अपील कर सकेंगे और तब तक गिरफ्तारी नहीं होगी।

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