राजस्थान में रबी सीजन में किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। किसानों के बढ़ते आक्रोश के चलते ऊर्जा विभाग विशेष योजना पर काम कर रहा है। सुबह और शाम को घरेलू और औद्योगिक बिजली कटौती कर आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास भी कम पड़ है। बिजली प्रबंधन के लिए कंपनियों के समन्वय में कमी सामने आ रही है। इस बीच राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा मीडिया के सामने आए और बिजली प्रबंधन में अपने प्रयासों को सामने रखा।
19 यूनिटें चालु
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के चैयरमैन आरके शर्मा ने बताया कि राजस्थान में वर्तमान में 23 यूनिट्स से विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। इनकी कुल क्षमता 7,580 मेगावाट के करीब है। इन 23 में से चार यूनिट मेंटीनेंस और अन्य कारणों के चलते बंद है। बंद यूनिट के चलते 1355 मेगावाट बिजली सप्लाई पर असर पड़ रहा है।
4 इकाईयों में विद्युत उत्पादन बंद
राजस्थान विद्वुत उत्पादन के अधीन आने वाली चार ईकाइयों में फिलहाल विद्युत उत्पादन नहीं हो रहा है। इनमें सूरतगढ की 250-250 मेगावाट की दो और 660 मेगावाट की एक यूनिट बंद है। जबकि कोटा की 195 मेगावाट की एक यूनिट भी फिलहाल बंद चल रही है। सूरतगढ़ की एक 250 और 660 मेगावाट की यूनिट 31 दिसम्बर तक शुरू करने के प्रयास है। सूरतगढ़ की एक 250 मेगावाट की यूनिट मार्च 2023 के पहले सप्ताह में शुरू होगी। कोटा की 195 की एक यूनिट 10 जनवरी तक शुरू होने की उम्मीद है।
बिजली कटौती जारी
राजस्थान में रबी सीजन में सिंचाई के चलते पॉवर डिमांड पीक पर है। 17 हजार मेगावाट बिजली की मांग सभी सेगमेंट में बनी हुई है। इसके मुकाबले आपूर्ति बेहद कम है। थर्मल पॉवर प्लांट्स के साथ, सौलर और विंड एनर्जी का उपयोग पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है। वर्तमान में मांग और आपूर्ति में तीन हजार मेगावाट बिजली सप्लाई का अंतर बना हुआ है।