छह सीटों पर जीत के लिए संगठन और सरकार में तालमेल, टिकट के दावेदार नेता मैदान में सक्रिय
राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव की छह सीटों पर जीत के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है। इस मिशन उपचुनाव के तहत पार्टी संगठन और सरकार के बीच तालमेल बनाकर काम कर रही है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल इन विधानसभा सीटों के प्रभारियों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं, ताकि पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एकजुट किया जा सके।
राठौड़ और अग्रवाल 28 अगस्त को सलूंबर और 29 अगस्त को चौरासी विधानसभा क्षेत्र में संगठन की बैठक करेंगे। इन बैठकों में प्रदेश सहप्रभारी विजया राहटकर के साथ जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारी भी मौजूद रहेंगे। खींवसर विधानसभा की बैठक सितंबर के पहले सप्ताह में आयोजित होगी। इन बैठकों के दौरान प्रदेशाध्यक्ष और प्रभारी योग्य नेतृत्व की तलाश भी कर रहे हैं।
साथ ही, भाजपा के सदस्यता अभियान को लेकर भी चर्चा की जा रही है। इस अभियान का लक्ष्य हर बूथ पर 200 नए कार्यकर्ताओं को जोड़ना है।
Also Read: कांग्रेस विधायक रफीक खान पर हमला, पूर्व CRPF जवान हिरासत में
राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव को लेकर तीन विधानसभा क्षेत्रों में हो चुकी बैठकें
अब तक तीन विधानसभा क्षेत्रों – दौसा, देवली-उनियारा और झुंझुनूं में पार्टी की बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में पहले से नाराज चल रहे गुट भी शामिल हुए हैं, जो पार्टी के लिए सकारात्मक संकेत हैं। इन बैठकों में जिले के विधायक और पूर्व विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है।
उपचुनाव को लेकर टिकट के दावेदार नेता भी सक्रिय हो गए हैं। वे पार्टी की बैठकों में बड़ी संख्या में अपने समर्थकों के साथ पहुंच रहे हैं और अपनी गाड़ियों पर स्टिकर और पर्चे लगाकर प्रचार कर रहे हैं।
Also Read: राजस्थान में बारिश से मिली राहत, लेकिन 2 सितंबर से फिर बढ़ेगी चिंता
हालांकि, उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट होगी। पार्टी में टिकट वितरण में जातीय संतुलन बनाए रखने को प्राथमिकता दी जा रही है। सभी छह सीटें आदिवासी, जाट और गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में हैं। भाजपा के लिए सलूंबर सीट सबसे मजबूत मानी जा रही है, क्योंकि यहां पहले से ही भाजपा के विधायक थे। पिछले चुनाव में दौसा, झुंझुनूं और देवली-उनियारा सीटें कांग्रेस के पास थीं, खींवसर सीट आरएलपी के पास थी और चौरासी सीट बीएपी के कब्जे में थी।
Also Read: Interest-Free Loan: राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए ब्याज मुक्त ऋण योजना की शुरुआत की