जयपुर। पशु चिकित्सकों की मांगों का 24 दिन बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पाया है। वेटनरी डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से राजस्थान स्टेट वेटरनरी काउंसिल के सामने यह धरना दिया जा रहा है। जहां कड़ाके की ठंड में डॉक्टर्स धरने पर बैठे हुए हैं। पशु चिकित्सकों की मांगों पर कोई समाधान नहीं होने से अब पशु चिकित्सक आमरन अनशन पर बैठ गए हैं।
11 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना
एमबीबीएस डॉक्टर्स के समान वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर पशु चिकित्सक धरने पर बैठे हैं। लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर कोई समाधान नहीं निकला है। प्रदेशाध्यक्ष डॉ इंद्रजीत सिंह ने कहा कि सरकार पशु चिकित्सकों के धैर्य की परीक्षा ले रही हैं। एसोसिएशन ने गांधीवादी तरीके से यह अनशन शुरू किया है। लेकिन सरकार की हठधर्मिता है कि इनसे वार्ता नहीं करना चाहती है। मांगों की बात की जाए तो मानव चिकित्सकों के समान पशु चिकित्सकों के वेतन और भत्ते किए जाएं। इसके साथ ही विभाग में खाली पड़े 65 प्रतिशत पदों को भरने की प्रमुख मांगें हैं।
पशु चिकित्सक 17 दिसंबर से धरने पर बैठे हुए हैं। पशु चिकित्सक क्रमिक रूप से आमरण अनशन पर बैठ रहे हैं। आज डॉ लोकेश शर्मा, डॉ रमेश चौधरी, डॉ शशिकांत शर्मा आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। पशु चिकित्सकों के धरने पर बैठने से गांवों में काम प्रभावित हो रहा है। पशु चिकित्सालयों में डॉक्टर नहीं मिलने से पशु पालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। महासचिव डॉ नरेंद्र जाखड़ ने कहा कि सरकार मांगों को लेकर सकारात्मक कदम नहीं उठाती है तो अब आंदोलन को तेज किया जाएगा।