जैसा कि हम सब जानते हैं कि संसद के नए भवन के उद्घाटन पर सियासत बढ़ रही है। कुल 40 पार्टियों में से 20 विपक्षी पार्टियों ने बुधवार को संयुक्त रूप से बयान जारी किया है और कहा है कि उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे। समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के संयुक्त बयान में कहा है कि इस सरकार में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है। नए संसद भवन का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण अवसर है। भारत की राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू को दरकिनार कर उद्घाटन करने का प्रधानमंत्री मोदी का निर्णय न केवल गंभीर अपमान है बल्कि यह लोकतंत्र पर भी सीधा हमला है।
विपक्ष के हंगामे पर 13 दलों के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने पलटवार कर कहा है कि यह केवल अपमानजनक नहीं है। यह हमारे महान राष्ट्र के लोकतांत्रिक लोकाचार और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान भी है। जैसा कि हम जानते हैं विपक्ष ने पिछले 9 साल में संसदीय प्रक्रियाओं का कोई भी सम्मान किसी भी प्रकार से नहीं किया है। हमने संसद के प्रति उनका घोर अनादर देखा है। वहीं भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि हमने सरकार के सभी दलों को आमंत्रण भेजा है।
ये पार्टियां कर रही है विरोध
अगर हम बात करें कि कौन-कौन सी पार्टियां संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासत कर रही है , तो उनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, आम आदमी पार्टी, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, राजद सीपीआई, जेएमएम, केरल कांग्रेस, वीसीके, रालोद, सीपीआई, नेशनल कॉन्फ्रेंस, एआईएमआईएम और एमडीएमके।
ये पाटिया होंगी शामिल
भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना (शिंदे गुड), एनपीपी, एनडीपीपी, एसकेएम, जेजेपी, आरएलजेपी, आरपी, अपना दल, टीएमसी, एआईएडीएमके, आईएमकेएमके, एजेएसयू, एनएमएफ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे उद्घाटन
नई संसद भवन पर 28 मई, रविवार सुबह हवन के साथ पूजा होगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12:00 बजे उद्घाटन करेंगे। संसद भवन के निर्माण में योगदान देने वाले सभी श्रम योगियों का सम्मान भी किया जाएगा।
राजस्थान चौक के लिए स्नेहा प्रजापत की रिपोर्ट।