चौक टीम, जयपुर। जयपुर स्थित सांगानेर विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार 19 जून को भी जयपुर विकास प्राधिकरण ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की। सांगानेर क्षेत्र से ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विधायक हैं और उन्हीं के क्षेत्र में बुलडोजर चला तो लोग सड़कों पर आ गए। कई महिलाएं रोती रही लेकिन बुलडोजर चलता रहा। महिलाएं गुहार करती रही कि उन्हें बेघर मत करो साहब। छोटे छोटे बच्चे कहां जाएंगे। जेडीए प्रशासन और पुलिस ने उनकी फरियाद नहीं सुनी और कार्रवाई जारी रखी।
दरअसल मानसरोवर के न्यू सांगानेर रोड से लेकर वंदे भारत रोड तक 100 मीटर चौड़ी सेक्टर रोड प्रस्तावित है। फिलहाल यह रोड 80 फीट की है। करीब ढाई किलोमीटर क्षेत्र में 20 फीट तक किए गए अतिक्रमण को जेडीए ने तोड़ा। यह कार्रवाई राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर हुई है।
250 से ज्यादा अवैध निर्माण तोड़े
न्यू सांगानेर रोड (मानसरोवर) से वंदे भारत रोड तक प्रस्तावित 100 फीट चौड़ी सड़क बनाने के लिए करीब 2.5 किलोमीटर एरिया से अतिक्रमण को हटाना है। जेडीए ने कोर्ट के आदेश के बाद प्रभावितों को नोटिस जारी करके खुद के स्तर पर 17 जून तक निर्माण हटाने का समय दिया था। लेकिन इसके बाद भी कई लोगों ने ऐसा नहीं किया तो आज प्रशासन ने अपने स्तर पर इसको हटाया। मकान-दुकानों के अलावा दो स्कूलों पर भी एक्शन हुआ।
जेडीए पर लगा भेदभाव का आरोप
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि एक स्कूल का बड़ा हिस्सा अवैध है, लेकिन अधिकारियों ने दबाव में उसे नहीं तोड़ा। विरोध को बढ़ता देख स्कूल को नोटिस जारी किया है लेकिन लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर एक्शन नहीं होगा तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। जेडीऐ के मुख्य नियंत्रक अधिकारी महेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि 900 मीटर क्षेत्र में 85 से 90 निर्माण को ध्वस्त किया गया है। कल फिर कार्रवाई होगी। सड़क के दोनों और बने अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जाएगा। 24 घंटे में स्कूल संचालक द्वारा अवैध निर्माण को ध्वस्त नहीं किया गया तो प्राधिकरण की टीम अवैध निर्माण ध्वस्त करेगी।
चार दिन चलेगी कार्रवाई
ढाई किलोमीटर की इस रोड से अवैध निर्माण हटाने की कार्रवाई 4 दिन तक चलेगी। 21 तारीख तक इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दे दिया जाएगा। दो दर्जन ऐसे निर्माण भी है, जहां हाई कोर्ट से स्टे है। ऐसे में फिलहाल इस कार्रवाई में उन पर कोई एक्शन नहीं होगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनका कोई मुआवजा नहीं मिला है। कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री तक भी गुहार लगाई गई थी और इस पर मुख्यमंत्री ने नियम अनुसार कार्रवाई की बात कही थी।