राजस्थान में तापमान के साथ अब सियासी गर्मी भी बढ़ने लगी है। आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक पार्टियां तैयार है। कांग्रेस का बजट के जरिए चुनावी निशाना रहा है, भाजपा ने पीएम मोदी के विकास के जरिए दांव खेलने का प्लान बनाया है। पूर्वी राजस्थान पर भाजपा का विशेष फोकस है। वर्ष 2018 में 7 जिलों में पिछड़ी भाजपा अब गलती दोहराना नहीं चाहती है। 39 सीटों में केवल चार पर भाजपा विजयी रही थी। 25 पर कांग्रेस, 5 बसपा, 4 निर्दलीय और 1 आरएलडी के खाते में थी।
अमित शाह आएगें भरतपुर
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जल्द राजस्थान दौरे पर होंगे। फरवरी के पहले सप्ताह में रहने वाला दौरा टलने के बाद नई तारीखें महिने का अंतिम सप्ताह बताया जा रहा है। राजस्थान भाजपा के लिए चुनावी वर्ष में पीएम नरेंद्र मोदी के बाद अमित शाह का दौरा उत्साह बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। भरतपुर में 25 और 26 फरवरी को अमित शाह का दौरा प्रस्तावित है। संगठन की बैठक में अमित शाह चुनावी जीत के टिप्स देते हुए नजर आ सकते है।
परिणाम बदलने की तैयारी
इस बार परिणाम बदलने के लिए भाजपा ने कमर कसी हुई है। भाजपा के केंद्रीय नेताओं का पूर्वी राजस्थान के जिलों में दौरा हो रहा है। पीएम मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह का फोकस सात जिलो पर है। चुनावी बिसात पर 21 साबित होने की तैयारी में राजस्थान भाजपा है।
मिशन-2023
मिशन-2023 में वापसी की तैयारियों में राजस्थान भाजपा कई मोर्चो पर काम कर रही है। हालिया दौरों का मकसद पिछले चुनाव में कमजोर हो चुकी अपनी कड़ी को फिर से मजबूत करने का है। क्योंकि पूर्वी राजस्थान के 7 जिलों में फैली 39 विधानसभा सीटों में भाजपा पिछले चुनाव में महज 4 सीटों पर सिमट गई थी। वर्ष 2013 के चुनाव में पार्टी को यहां 28 सीटों पर जीत मिली थी।
लोकसभा भी जीतने की तैयारी
पूर्वी राजस्थान के अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा में 39 विधानसभा सीटें हैं। 2013 में भाजपा ने सर्वाधिक 28 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को 7, डा. किरोड़ीलाल मीणा की पार्टी एनपीपी को 3 और एक सीट बसपा को मिली थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को महज 4 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस को 25, बसपा को 5, निर्दलीयों को 4 और एक सीट आरएलडी को मिली। बसपा का विलय कांग्रेस में हो गया। आरएलडी एवं निर्दलीयों का समर्थन भी कांग्रेस को है। सवाईमाधोपुर में 4 विधानसभा सीटें हैं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 4 सीटें जीती थी। लेकिन पिछले चुनाव में भाजपा खाता भी नहीं खोल सकी। तीन सीटों पर कांग्रेस और एक सीट निर्दलीय के खाते में गई।