पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती, मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- आज वे ये देखकर ख़ुश होते की राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए अलग से बजट पेश किया

जयपुर। भारत के पाचंवे प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की आज जयंती है। चौधरी चरण सिंह का जन्मदिन भारत में किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। किसानों के जीवन और स्थितियों को बेहतर बनाने के लिए चरण सिंह नें कई नीतियों की शुरुआत की थी। भारत सरकार ने साल 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। देश की संसद में आज स्पीकर ओम बिड़ला में उनके चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित करते हुए देश के विकास में उनके योगदान को याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित देश के सभी बड़े नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी है। राजस्थान के भरतपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों के लिए किए गए उनके प्रयासों को याद करते हुए कहा कि अगर आज चरण चरण सिंह ज़िंदा होते तो ये देख कर बेहद ख़ुश होते। राजस्थान में उनकी सरकार ने किसानों के लिए अलग से बजट पेश किया है।

क्यों मनाया जाता है उनकी जयंती को किसान दिवस


दरअसल सरकार ने साल 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया। चरण सिंह को देश में किसानों का सबसे बड़ा पैरोकार माना जाता रहा है। बेहद साधारण परिवार से निकल कर देश के प्रधानमंत्री पद तक पहुँचने वाले चरण सिंह का पूरा जीवन ग्रामीण परिवेश का बड़ा प्रतीक बना रहा। वे हमेशा कहा करते थे किसान देश का अन्नदाता है और किसान की हर परेशानी को दूर करना देश के लोगों की ज़िम्मेदारी है। किसान इस देश की सबसे बड़ी ताक़त है लेकिन विडंबना है कि देश का किसान अपनी ताक़त को भूल गया है देश के किसानों को एकजुटता के साथ अपनी आवाज़ को बुलंद करना चाहिए ऐसी कोई सरकार नहीं है जो किसानों की आवाज़ की अनसुनी कर सके। देश की आज़ादी की जंग में महात्मा गांधी को वे अपना आदर्श मानते थे और स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के बताए अहिंसा के रास्ते पर चलने के लिए उन्होंने उस दौर में अपनी वकालत के पेशे की भी क़ुर्बानी कर दी थी। आज की पीढ़ी को नहीं पता होगा कि देश की आज़ादी की जंग में उनका बड़ा योगदान रहा था। 1930 से 1947 तक उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विभिन्न संघर्षों में भाग लेने के लिए कई साल जेल में बिताए थे। देश को आज़ादी मिलने के बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों की दशा और दिशा को सुधारने में लगा दिया था। चौधरी चरण सिंह उत्तर प्रदेश में भूमि सुधारों के मुख्य सूत्रधार रहे थे। उन्होंने सियासत में करप्शन और परिवारवाद के ख़िलाफ़ भी हमेशा आवाज़ बुलंद की।

चरण सिंह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे

उनका जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने 1923 में विज्ञान में स्नातक किया, और 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर किया। कानून में प्रशिक्षित होने के बाद, उन्होंने गाजियाबाद में अभ्यास स्थापित किया। 1929 में वे मेरठ चले गए और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। वे 1937 में छपरौली से विधानसभा और 1946, 1952, 1962 और 1967 में इसी निर्वाचन क्षेत्र का विधायक चुने गये थे। 1946 में पंडित गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने। 1951 में, उन्हें राज्य में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 1952 में डॉ संपूर्णानंद के मंत्रिमंडल में राजस्व और कृषि मंत्री बने। इसके बाद जब कांग्रेस का विभाजन हुआ तो वे यूपी के सीएम बने थे। उन्होंने दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कमान सँभाली थी और 1979 में भारत के 5 वें प्रधान मंत्री चुने गए।

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Dr Sharad Purohit
Dr Sharad Purohithttps://x.com/DrSharadPurohit
शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
--advt--spot_img