राजस्थान विधानसभा में मॉब लिंचिंग समेत गहलोत वसुंधरा के कार्यकाल में आए छह विधेयक राज्यपाल ने लौटाए

अंकित तिवारी, जयपुर। राजस्थान विधानसभा में अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे के कार्यकाल में लाए गए कुछ बिलों को राज्यपाल ने लौटा दिया है। इसमें मॉब लिंचिंग समेत छह विधेयक राज्यपाल ने लौटाए, इस सत्र में धर्म स्वातंत्र्य से जुड़ा बिल भी सरकार लाने की तैयारी में है। आज से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ है। सत्र शुरू होने से पहले राज्यपाल ने 6 विधेयक विधानसभा को वापस लौटा दिए हैं। इनमें से पांच विधेयक पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय पारित हुए थे।

धर्म स्वातंत्र्य वाला बिल पेश करने की तैयारी

राज्यपाल हरिभाऊ वागड़े ने विधानसभा के बजट सत्र से पहले छह विधेयक सरकार को वापस लौटा दिए हैं। इनमें से पांच विधेयक पिछली सरकार के समय पारित हुए थे, वहीं एक विधेयक वसुंधरा राजे के पहले कार्यकाल के समय पारित हुआ था। अब विधानसभा सत्र में सरकार इन्हें वापस लेने का प्रस्ताव रख सकती है।
मौजूदा सत्र में सरकार धर्म स्वातंत्र्य वाला बिल पेश करने की तैयारी में है। इसके अलावा कोचिंग संस्थानों में अत्महत्या रोकने सहित बीकानेर व भरतपुर में विकास प्राधिकरणों के गठन के विधेयकों को सदन में चर्चा के लिए रखा जा सकता है।

कांग्रेस सरकार में लाए पांच विधेयक लौटाएं

राज्यपाल ने पिछली कांग्रेस सरकार के समय पारित पांच विधेयक सरकार को लौटाए हैं। इनमें तीन विधेयक केन्द्र सरकार द्वारा 2020 में लाए गए कृषि कानूनों के स्थान पर तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा लाए गए थे। चूंकि केन्द्र सरकार स्वयं अपने कृषि कानून वापस ले चुकी है, ऐसे में अब इन विधेयकों का भी कोई अर्थ नहीं रह गया है।
इसके साथ ही एक विधेयक लिचिंग के मामलों से भी जुडा है। पिछली सरकार के समय लिचिंग की घटनाओं पर रोक के लिए यह विधेयक लाया गया था। भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए इसका विरोध किया था। अब चूंकि राज्यपाल ने इसे लौटा दिया है, इसलिए सरकार इसे वापस ले सकती है। इसके अलावा एक विधेयक विद्युत शुल्क से सम्बन्धित है जो पिछली सरकार के कार्यकाल के अंतिम समय में लाया गया था। इसे भी वापस लिए जाने की सम्भावना है।

धर्म स्वातंत्र्य विधेयक नए रुप में होगा पेश

इन पांच के अलावा धर्म स्वातंत्र्य विधेयक भी राज्यपाल ने लौटाया है। यह विधेयक 2008 में पारित हुआ था और धर्म परिवर्तन की घटनाओं को रोकने के लिए लाया गया था। अब सरकार इसके स्थान पर नया विधेयक लेकर आ रही है जो इसी सत्र में सदन में चर्चा के लिए रखा जाएगा। पुराने विधेयकों के साथ ही सदन में इस बार कुछ नए विधेयक भी लाए जाएंगे। इनमें बीकानेर और भरतपुर में विकास प्राधिकरणों के गठन से जुडे विधेयक शामिल हैं। सरकार ने इनके अधिनियम जारी किए थे। अब अधिनियम के स्थान पर इनका बिल लाया जाएगा। इसके साथ ही कोचिंग संस्थाओं पर नियंत्रण के लिए भी विधेयक आ सकता है। इस बारे में खुद सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया है और बताया है कि सरकार ये बिल लाने जा रही है। बिल का प्रारूप दो साल से तैयार है।

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

लेखक परिचय

Ankit Tiwari
Ankit Tiwarihttp://rajasthanchowk.com/
वर्ष 2003 से पत्रकारिता में। बिजनेस रिपोर्टिंग, उपभोक्ता अधिकारो, आम आदमी से जुड़े पहलुओं, उद्योग, ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, टैक्स, ऊर्जा, बैंकिंग और कृषि सेक्‍टर पर विशेष पकड़।बिजनेस सेमीनार, बड़े आयोजनों सहित बहुजनहिताय के मुद्दों पर रिपोर्टिंग।
--advt--spot_img