अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद कमलनाथ को वहां का मुख्यमंत्री बनाया गया है। मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ लगातार चर्चा में बने हुए है। कमलनाथ एक बार बार फिर चर्चा का विषय बने है क्योंकि वो वंदे मातरम पर दिए गए अपने बयान से पलट गए है।
मध्यप्रदेश के वंदे मातरम की अनिवार्यता पर अस्थायी रोक लगाने के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अब अपने ही फैसले से पलटती हुई नजर आ रही है। राज्य सरकार ने वंदे मातरम को अब नया रूप देने का फैसला किया है। अब वंदे मातरम को अलग, आकर्षक और नए रूप में गाया जाएगा जिसके लिए नई रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इसके मुताबिक अब कर्मचारी ही नहीं बल्कि आम जनता भी वंदे मातरम गायन में शामिल होगी।
कमलनाथ ने कहा है कि अब पुलिस बैंड के साथ वंदेमातरम् का गायन होगा। उनके अनुसार अब हर महीने के पहले दिन सुबह 10.45 बजे पुलिस बैंड की धुन पर वंदेमातरम गाया जाएगा। इतना ही नहीं गायन में सभी सरकारी कर्मचारी शौर्य स्मारक से वल्लभ भवन तक मार्च करेंगे। इसके साथ ही इसमें आम लोगों को भी जोड़ा जाएगा और इस संबंध में सरकार ने आदेश जारी कर दिया है। बता दें कि अब तक वंदे मातरम् की चली आ रही परंपरा के अनुसार यह सामूहिक गान मंत्रालय परिसर में मंत्री की मौजूदगी अथवा मुख्य सचिव की उपस्थिति में होता आया है।
दरअसल मध्य प्रदेश सचिवालय में लंबे समय से वंदे मातरम गाने का प्रचलन चला आ रहा है और नए साल के पहले ही दिन यह परंपरा टूट गई जब सचिवालय में वंदे मातरम नहीं गूंजा तो इस पर सवाल खड़े होने लगे। जिस पर लोगों और विपक्ष ने राज्य सरकार पर हमला बोला था।