चौक टीम, जयपुर। राजस्थान हाई कोर्ट ने जालोर जिले के बाड़मेर रोड स्थित ओडवाडा गांव में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 150 से अधिक पक्के मकान और करीब 160 कच्चे बाडे़ हटाने के आदेश दिए हैं। इस पर अमल करते हुए गुरुवार को जब जालोर प्रशासन भारी पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंचा तो वहां ग्रामीण विरोध पर उतर आए। जबरदस्त हंगामे के बीच पुलिस की ग्रामीणों से झड़प भी हो गई, जिसमें कई महिलाएं बेहोश हो गईं। हालांकि पुलिसकर्मी नहीं रुके। उन्होंने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी करने के लिए लाठीचार्ज किया और ग्रामीणों को वहां से खदेड़ दिया।
वैभव गहलोत ने कहा- मैं पीड़ित परिवारों के साथ
इस मामले को लेकर जालोर से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ने कहा कि, जालोर जिला कलेक्टर से वस्तुस्थिति की जानकारी लेने के बाद ओडवाड़ा में हाईकोर्ट के आदेश पर हो रही कार्रवाई के संबंध में मैंने वकील से विधिक राय ली है। उन्होंने बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट में 20 मई को अगली सुनवाई होनी है जिससे पहले प्रशासन को कार्रवाई कर अतिक्रमण हटाने की जानकारी हाईकोर्ट को देनी होगी।
इसके संबंध में मैंने सुप्रीम कोर्ट के वकील से चर्चा की है एवं पीड़ित परिवारों की ओर से आज ही सुप्रीम कोर्ट में इस कार्रवाई के विरुद्ध सुनवाई के लिए प्रार्थना पत्र देना तय किया है। हमें आशा है कि सुप्रीम कोर्ट से पीड़ित परिवारों के घर तोड़ने पर जल्द से जल्द स्टे मिलेगा और इन्हें राहत मिल सकेगी। मैं इस संबंध मैं पीड़ित परिवारों के साथ हूं एवं मेरा पूरा प्रयास है कि उनके साथ न्याय सुनिश्चित हो।
इससे पहले उन्होंने कहा था कि आहोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 440 घरों को तोड़ा जा रहा है जबकि ये परिवार वर्षों से रहते आये हैं। प्रशासन इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दे रहा है जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रभावी पैरवी से इन घरों को बचाया गया था। मेरा मानना है कि प्रभावी पैरवी के अभाव में हाईकोर्ट का फ़ैसला ग्रामीणों के ख़िलाफ़ रहा होगा। आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान प्रशासन का असंवेदनशील रवैया भी सामने आया।
इस संबंध में मैंने जालोर कलेक्टर से भी बात कर निवेदन किया है कि संवेदनशीलता से विचार कर हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध इन गरीब लोगों के पक्ष में अपील करें एवं उच्चतम न्यायालय का फैसला आने तक इस कार्रवाई को रोक कर आमजन को न्याय दिलाने में मदद करें। मैं भी इस मामले में ग्रामीणों की मदद करने के लिए विधिक राय ले रहा हूं।
पायलट ने सरकार पर साधा निशाना
वहीं, इस मामले को लेकर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि, जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं। ये लोग अपना घर बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। सरकार को इनके अधिकारों के लिये न्यायपालिका के माध्यम से तुरंत राहत प्रदान करने के लिये कार्यवाही करनी चाहिये थी। पुलिस एवं प्रशासन से आग्रह है कि इस मुद्दे को शांति एवं बातचीत द्वारा सुलझाया जाना चाहिए।