राजस्थान की गहलोत सरकार 24 अप्रैल से महंगाई राहत कैंप लगाने जा रही है, लेकिन इस महंगाई राहत कैंप को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने गहलोत सरकार पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा है कि सरकार को अपने अंतिम समय में महंगाई याद आ रही है जबकि लोगों को महंगाई से राहत देने की बात कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में कही थी। लेकिन गहलोत सरकार को अब आचार संहिता लगने से कुछ समय पहले जनता को महंगाई से राहत दिलवाने की बात याद आई है।
गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंप पर बीजेपी का निशाना
बीजेपी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान राजेंद्र राठौड ने कहा कि सरकार अपने अंतिम वर्ष और आचार संहिता से साढ़े 6 महीने पहले महंगाई राहत कैंप लगाकर मुख्यमंत्री गारंटी कार्ड बनाने का काम से शुरू कर रही है। जिस जन घोषणा पत्र को पहली कैबिनेट की बैठक में सरकार का अधिकृत दस्तावेज करार दिया था उसे सरकार अपने आखिरी वर्ष में लागू कर रही है।
चार साल तक कांग्रेस को याद नहीं आई महंगाई
राठौड ने कहा कि सरकार को साढे चार साल तक घोषणा पत्र याद नहीं आया। उन्होंने कहा कि सरकार सरकार ने सत्ता में आने से पहले कहा था कि पेट्रोल — डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाएगा लेकिन आज भी देश में पेट्रोल डीजल पर वैट सबसे अधिक राजस्थान में वसूल किया जा रहा है। राजेंद्र राठौड ने एक सर्वे का हवाल देते हुए कहा कि राजस्थान में बिना रिश्वत के काम नहीं हो रहा। इसके अलावा बजट में जो घोषणाएं की गई थी वह एक अप्रैल से स्वत ही लागू हो जानी चाहिए थी लेकिन उन योजनाओं की तिथियों में बढोतरी की जा रही है। आज भी 33 लाख महिलाओं को स्मार्ट फोन का इंतजार है। ऐसे में गहलोत सरकार के इस राहत कैंप पर सवाल उठाते हुए राठौड ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ तभी लोगों को मिल सकेगा जब वे इस कैंप में पहुंचेंगे ऐसे में सरकार सिर्फ भीड जुटाने का काम कर रही है।
पायलट दूसरों के कंधे पर बदूंक रख लगा रहे निशाना
सचिन पायलट ने एक बार फिर भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है जिसे लेकर राजेंद्र राठौड ने कहा कि यदि पायलट उचित मंच पर आवाज उठाते तो जवाब मिला। टोंक विधायक अगर विधानसभा में आवाज उठाते तो उनहें जवाब देते, लेकिन दूसरों के कंधों पर बंदूक रखकर अपनी सरकार पर निशाना लगा रहे है। उनकी खुद की पार्टी में सब ठीक नहीं चल रहा है, यह जनता को दिख रहा। आरपीएससी में कटारा की बतौर सदस्य की नियुक्ति पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी तह में जाने पर कई बड़े नाम सामने आएगें।
राजस्थान चौके लिए आदित्य आत्रेय की रिपोर्ट।