आज 7 दिसंबर है आज प्रदेश में वोटिंग है और हर कोई अपने बहुमूल्य वोट का सहीं इस्तेमाल करेगा। ये जनता द्धारा किया हुआ ऐसा चुनाव होता है जो कि सरकार चलाता है। इसी अहम चुनाव के बीच एक और ऐसी कहानी सामने आई जिसे सुनते ही दिल सुन्न रह गया। आपको बता दें कि गजानंद शर्मा जो कि अपनी जिंदगी का आधा समय पाकिस्तान की जेल में गुजार चुके है वो अब भारत में हो रहें लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लेगें। जयपुर में माउंट रोड के स्थित फतेहराम टीबा के रहने वाले गजानंद शर्मा 7 दिसंबर को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। गजानंद 38 साल बाद पाकिस्तान से अपने घर भारत लौटे और यहां आते ही उन्होंने सबसे पहले अपना आधार कार्ड बनवाया और निर्वाचन आयोग से वोटर कार्ड की अपील की। उन्होने आखिरी बार 1980 में ब्यावर में मतदान किया था।
कोट लखपत जेल में 36 साल से थे बंद
68 साल के गजानंद पिछले 36 साल से पाकिस्तान की जेल में बंद थे। खास बात तो ये है कि उन्हें सिर्फ दो माह की सजा हुई थी लेकिन काउंसलर एक्सेस नहीं होने के कारण उन्हें 36 साल जेल में बंद रहना पड़ा। लाहौर जेल से गजानंद शर्मा की रिहाई 14 अगस्त को हुई। हालांकी अभी तक इस बात का पता नहीं चला है कि गजानंद शर्मा आखिर कैसे भारत की सीमा पार पाकिस्तान पहुंच गए। पाकिस्तान पहुंचने ही स्थानीय पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। ये कहानी वीरजारा मूवी से कम नहीं है।
लंबे समय से उनका कोई अता पता ना होने के कारण परिवार के लोगों ने उन्हें मरा हुआ मान लिया था। हाल ही में 7 मई को पुलिस ने घर जाकर गजानंद के बारे में पूछताछ की। तब खुलासा हुआ कि गजानंद पाकिस्तान की लाहौर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
अब मेरी जिंदगी पत्नी के नाम
38 साल के बाद अपने मताधिकार का प्रयोग करने को लेकर वह बेहद उत्सुक हैं। उनका कहना है कि मैं अपना वोट उसी को दूंगा, जिसे मेरी पत्नी कहेगी। इतने साल के बाद गजानंद देश में आने और अपने देश की सरकार को चुनने में अपनी भागीदारी भी देगें।