अनकही by Ankit Tiwari 04 ।। सत्ता, सीएमओ और सचिवालय के गलियारों की चर्चा

अंकित तिवारी, जयपुर। राजस्थान में इस महिने तबादलों की राजनीति ने विधायकों को व्यस्त रखा, वहीं मीडिया के मंच से निकली चर्चा ने गला भर दिया। पकड़ किसकी कितनी मजबूत है उसका हिसाब लगाने में कई डिग्रीधारी सामने आए। अनकही में जानिए सत्ता, सीएमओ और सचिवालय के गलियारों की चर्चा, अनकही by Ankit Tiwari में।

नए वालों का पैमाना किसकी बत्ती लगाएगा

राजस्थान में 6 मंत्रीपद खाली है, हालात एक अनार सौ बीमार वाले है। ऐसे में अपने ही, कुछ पुराने मंत्रियों की बत्ती छिनने की खबरों को हवा दे देते है। नए वालों की संख्या भी दर्जनभर बताते है ऐसे में पुरानों में बैचेनी छाई हुई है। नई चर्चा में अब मंत्री ही नहीं उप मुख्यमंत्री का पद भी आ गया है। चर्चा चलाने वालों ने नए बनने वालों का पैमाना भी कारसेवा के रूप में सामने लाना शुरू कर दिया। पहले जहां समाज और विधायकी में मौजूद नाम आगे बढ़ाए थे, अबकी बार बेहद कमजोरों को जगह दे दी। इन चर्चाओं को जो फैला रहे है वो जानते है बीजेपी में जिसका नाम चल गया वहीं टल गया वाली स्थिति है। अब दिल्ली दौरों पर लाबिंग के लिए जाने वाले भी शादी ब्याह के नाम पर निमंत्रणों का सहारा ले रहे है।

कौन कर रहा गढ़ की राजनीति

राजस्थान में किसकी चल रही है। यह सवाल अक्सर आ ही जाता है। मुखिया जी की सभा में सुनाई गई कहानी के बाद भी इसकी गूंज सुनाई दी। गढ़ वाले गुट गुप्त मंथन में रहते है। अंदरखाने चर्चा में आया कि इनका नेतृत्व कौन कर रहा है। खाली बंदूकों में कारतूस भरने का दावा किसने किया हुआ है। जिसके चलने का डर शासन की रफ्तार को रोके हुए है। वह तब जब समर्थक मुस्कुराती हुई तस्वीरों में ही सेहराबंदी तलाश रहे है। दिल्ली का मजबूत हाथ जब 365 दिन बाद भी संभाल कर रखा गया है, तो किसको लग रहा है कि बहारें लौट कर आएगीं। यह सवाल सिविल लाइंस, सचिवालय और विधायक आवासों के इर्दगिर्द घूम रहा है।

पाप पुण्य का हिसाब

राजस्थान सरकार के कुछ मंत्रियों की दिलचस्पी धर्मगुरुओं में बढ़ गई है। सत्ता की कुंडली पर अगर कोई दोष है, तो उसका निवारण समय से करना चाहते है। कुछ को लगता है काम किया ही नहीं तो गलती कैसे होगी। घबराएं मंत्रियों ने राजधानी से बाहर चारों दिशाओं से निकलने वाली सड़कों पर मौजूद धर्म गुरुओं से मुलाकात की है। सत्ता के चक्र से बाहर नहीं निकलने के लिए राजनीतिक गुरूओं की चौखट भी चूमी जा चुकी है। बाबाओं का ज्ञान रखने वाले चुनिन्दा सज्जन धड़कन बढ़ा चुके इन मंत्रियों के अघोषित सलाहकार बन चुके है। इनको यह बात भी बताई जा रही है माहौल कैसा भी हो, वक्र दृष्टि सिविल लाइंस की नहीं होनी चाहिए।

क्रिकेट में हिट विकेट

धौरों की धरती में क्रिकेट के बहाने राजनीति खेली जा रही है। नेता पुत्र गद्दी चाहते है, लेकिन राठौड़ी का अपना अपना हिसाब है। कौन किस पर भारी यह कुर्सी का किस्सा बनेगा। खैर एक जिला संघ के नामित व्यक्ति की छुट्टी में जितनी जल्दबाजी दिखाई गई वह निगाह में आ गई है। इतनी त्वरित कार्रवाई किस आमोद प्रमोद में और क्यों कि गई, इसकी वजह अब तलाशी जा रही है, कौन हिट विकेट होगा यह अब समय बताएगा।

JDA में स्त्री 2

जेडीए की जड़ में ही भ्रष्ट्राचार है। अफसरों की नियुक्ति की योग्यता भी सरकार के स्तर पर तय होती है। इस सरकार में क्लीन कांसेप्ट को लागू करने की कोशिश है। जेडीए में इन दिनों जो काम हो रहा उसको देखते हुए विभाग में एक फिल्मी चर्चा है। शहरी सुंदरता के सबसे बड़े पद पर लगातार दूसरी नियुक्ति पर महिला अफसर को मौका दिया है। राज के बाद आनंद को देखते हुए इसे स्त्री 2 की संज्ञा दी जा रही है। जेडीए के अफसर अब कहने लगे है शहर का सुनियोजित विकास होकर रहेगा। वो भी बिना पैसे के लेनदेन के क्योंकि कुर्सी पर स्त्री 2 है।

रसोड़े में कौन था?

पांच सितारा होटल के मंच पर हुई चर्चा को विरोधियों ने जिस गति से सोशल मीडिया पर दौड़ाया, मुखिया जी का मीडिया क्राइसिस मैनेजमेंट देर तक रफ्तार रोक नहीं पाया। इससे बिना मांगे ज्ञान देने वाले बिग ब्रदर भी सकते में आ गए। जो हुआ सो हुआ लेकिन बड़े बाबूओं की बैठक में चर्चा रही कि रसोड़े में कौन था? यानि इस कार्यक्रम में जाने की सलाह और मंजूरी सीएमओ की किस टेबल से होकर गुजरी थी। बड़े दफ्तर में हर कोई यह जानने को उत्सुक था कि इस खिचड़ी में तड़का किसका था। पोष खत्म होते ही राहु किसकी कुंडली में बैठेगा यह दिलचस्प चर्चा भी बड़े बाबू दबी जुबान में करते दिखे।

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लेखक परिचय

Ankit Tiwari
Ankit Tiwarihttp://rajasthanchowk.com/
वर्ष 2003 से पत्रकारिता में। बिजनेस रिपोर्टिंग, उपभोक्ता अधिकारो, आम आदमी से जुड़े पहलुओं, उद्योग, ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, टैक्स, ऊर्जा, बैंकिंग और कृषि सेक्‍टर पर विशेष पकड़।बिजनेस सेमीनार, बड़े आयोजनों सहित बहुजनहिताय के मुद्दों पर रिपोर्टिंग।
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