मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के लिए साल 2019 की शुरुआत विवादित रही। दरअसल 1 जनवरी को सचिवालय में अधिकारियों ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ नहीं गाया। दरअसल पिछले 13 सालों से सरकारी अधिकारीयों द्वारा महीने के पहले दिन काम की शरुआत करने से पहले वंदे मातरम गाने की परंपरा रही है। यह परंपरा की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की थी।
इस परंपरा के टूटने के साथ ही नवगठित सरकार एक और विवाद में फंस गई है। राष्ट्रीय गीत गाने पर रोक लगाने के बाद विपक्षी पार्टी बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार का यह कदम दुर्भाग्यपूर्ण” है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस परंपरा को फिर से शुरू करने की मांग की है और कहा है कि अगर सरकार ने इसे फिर से शुरू नहीं किया तो वे खुद वल्लभ भवन जाकर वनदे मातरम गाएंगे।
वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी के इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि उन्होंने इस परंपरा को खत्म नहीं किया है। इस बारे में आदेश को अभी रोक कर रखा गया है और इसे नए तरीके से पेश किया जाएगा।