चौक टीम, जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने नेताओं के खर्चे पर रिपोर्ट कार्ड जारी किया है। एडीआर द्वारा जारी रिपोर्ट कार्ड के अनुसार इस बार हर MLA ने अपने प्रचार-प्रसार में औसतन 22.53 लाख रुपए खर्च किए हैं। वहीं वर्तमान सरकार के मंत्रियों के खर्चे को देखें तो सबसे ज्यादा खर्चा हीरालाल नागर (37 लाख) तो सबसे कम किरोड़ीलाल मीणा ने 9.75 लाख रुपए खर्च किए हैं।
जानिए किसने कितने खर्च किए?
वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 32 लाख, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने 16 लाख और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने 14 लाख रुपए खर्च करके चुनाव जीता है। साथ ही अशोक गहलोत ने 26 लाख, वसुंधरा राजे ने 17 लाख, सचिन पायलट ने 13 लाख और गोविंद सिंह डोटासरा ने 18 लाख रुपए खर्च करके चुनाव जीता है। मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने तो 10 लाख रुपए भी खर्च नहीं किए। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने 30.96 लाख तो आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने अपना चुनाव खर्च 17.30 लाख बताया है।
इसके अलावा विधायकों ने अपने खर्च का 9% चंदा पार्टियों से, 78% अपनी जेब से और 13% दूसरे सॉर्स से मिलना बताया है। वहीं इन विधानसभा चुनावों में पहली बार 200 में से 32 विधायकों ने सोशल मीडिया पर कैंपेन में लाखों रुपए खर्च होने का ब्यौरा चुनाव आयोग को सौंपा है। आपको बता दें यह रिपोर्ट प्रत्याशियों की ओर से चुनाव आयोग में जमा कराए गए खर्च के विवरण के आधार पर जारी होती है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में खर्च को लेकर ADR की रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि कुछ प्रत्याशी तो केवल 5 लाख, 7 लाख ,8 लाख रुपए खर्च करके ही चुनाव जीते हैं। सबसे ज्यादा चुनाव खर्च जोधपुर जिले की भोपालगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी रहीं गीता देवी बरवड़ ने 37 लाख कुछ हजार रुपए बताया है।
सोशल मीडिया पर खर्च किए करोड़ों
वहीं एडीआर की रिपोर्ट में विधायकों के चुनाव खर्च को लेकर कई रोचक फैक्ट्स सामने आए हैं। विधानसभा चुनाव में इस बार सबसे नया ट्रेंड सोशल मीडिया पर खर्च का देखने को मिला। पहली बार 200 में से 32 विधायकों ने सोशल मीडिया पर कैंपेन में लाखों रुपए खर्च करने का ब्योरा चुनाव आयोग को दिया है। 199 विधायकों ने बिना स्टार प्रचारकों, स्टार प्रचारकों के साथ रैलियों, जुलूस और बैठकों में पैसा खर्च करने का ब्योरा दिया है। इनमें से 144 विधायकों ने घोषणा की है कि उन्होंने स्टार प्रचारकों के साथ रैली, जुलूस और बैठक करने पर पैसा खर्च किया है। इसमें पार्टी के खर्च के अलावा खुद का खर्च शामिल है। वहीं, 55 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने रैली और जुलूस पर कोई पैसा खर्च नहीं किया।