हनुमान के बाद अब राम पर भी उठे कई सवाल

हाल ही में कुछ समय पहले भगवान हनुमान जो कई लोगों के देवता के रूप में पूजे जाते है उनकी कई तरह की जाति और नामों के साथ तुलना की गई। अब भगवान राम जिन्हे हनुमान पूजते थें उन्हें भी नहीं बक्शा गया है और उन पर भी कई तरह की अंगुली उठाई जा रहीं है। अब अराम लेखक के. एस. भगवान की किताब में भगवान राम का जिक्र करने पर विवाद पैदा हो गया है। लेखक के खिलाफ केस तक दर्ज हो गया है। उनकी किताब में भगवान राम और महात्मा गांधी का कथित तौर पर अपमान करने का मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस के मुताबिक उन पर मंगलवार को आईपीसी की धारा 295ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। कन्नड़ भाषा में लिखी इस किताब में दावा किया गया है कि राम कोई भगवान नहीं थे और वह साधारण मनुष्यों की तरह ही कमजोरियों के शिकारी थे। इस बात को लेकर कई हिन्दुत्व लोगों ने लेखक के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।

हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं का कहना है कि लेखक ने अपनी किताब में भगवान राम के चरित्र को निंदात्मक तरीके से पेश किया और लेखक के घर के आगे प्रदर्शन किया इसके साथ ही उसकी गिरफ्तारी की मांग भी की है। हालांकि, लेखक ने अपना बचाव करते हुए कहा कि मेरी किताब वाल्मीकि की रामायण पर आधारित है।

इसके बाद ना सिर्फ आम जनता ने बल्कि राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता और विधायक एस सुरेश कुमार ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लेखक के लिए कहा कि या तो लेखक को जेल भेजो या फिर मेंटल हाॅस्पिटल। इसके बाद अभी तक कोई भी मुकद्मा उठाया नहीं गया है।

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
Dr Sharad Purohithttps://x.com/DrSharadPurohit
शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
--advt--spot_img