राजस्थान में 7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव प्रचार-प्रसार जोरों पर है. हर पार्टी अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. सभी पार्टियाँ एक दुसरे पर आरोप लगाने से बाज नहीं आ रही है लेकिन प्रत्याशियों और उनके प्रचारकों के बयानों में हनुमान जी भी शामिल हो गए है.
हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्य योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा में हनुमानजी को दलित बताया है जिसको लेकर काफी विवाद हुआ है. यहाँ तक कि इसके लिए उन्हें एक हिन्दू संगठन से लीगल नोटिस भी मिला है लेकिन अभी यह विवाद थमा ही नहीं था कि मोदी सरकार के एक केन्द्रीय मंत्री ने हनुमानजी को लेकर एक और विवादित बयान दे दिया है.
अलवर में भाजपा प्रत्याशी के चुनावी प्रचार के लिए आए केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि भगवान राम और हनुमानजी के युग में जाति व्यवस्था नहीं थी, बल्कि वर्ण व्यवस्था थी और हनुमानजी दलित नहीं आर्य थे. हालाँकि उन्होंने सीएम योगी द्वारा हनुमानजी को दलित बताये जाने पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
बता दें कि दो दिन पहले योगी आदित्यनाथ ने अलवर के मालाखेडा में भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार करते समय कहा था कि बजरंगबली एक ऐसे लोक देवता है जो स्वयं वनवासी है, गिर वासी है, दलित है और वंचित है. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि राम भक्त भाजपा को और रावण भक्त कांग्रेस को वोट दें. हनुमानजी पर की गई इस टिप्पणी के बाद सर्व ब्राह्मण समाज ने योगी को लीगल नोटिस भेजा और 3 दिनों के अन्दर माफ़ी मांगने को कहा.