पहाड़ों पर बाला किला…तो सिलीसेढ़ बनाता है बिना मात्रा के शहर को अतिसुन्दर, जानें अलवर की खूबसूरती का राज

अलवर (Alwar) जाना समय के साथ यात्रा करने जैसा है. जिसका इतिहास 1500 ईसा पूर्व का है. प्राचीन भारतीय संस्कृति से समृद्ध क्षेत्र है.

चौक टीम, अलवर। अलवर (Alwar) जाना समय के साथ यात्रा करने जैसा है. अलवर (Alwar) जिसका इतिहास 1500 ईसा पूर्व का है. प्राचीन भारतीय संस्कृति से समृद्ध क्षेत्र है. इस समान सांस्कृतिक प्रतिध्वनि को बनाए रखने वाले स्थान अलवर (Alwar) में घूमने के लिए सबसे महान स्थान हैं. अलवर, प्रदेश के सभी प्रमुख आकर्षण आपको रॉयल्टी जैसा महसूस कराएंगे. क्योंकि वे हरे-भरे अरावली पहाड़ियों में बसे हुए हैं.

अलवर (Alwar) के मुख्य आकर्षण महल और किले हैं, ठीक वैसे ही जैसे वे राजस्थान के अधिकांश अन्य स्थानों में हैं. अलवर शहर भानगढ़ किले, झीलों, सरिस्का टाइगर रिजर्व और हेरिटेज जैसे पर्यटन स्थलों की वजह से काफी लोकप्रिय है. राज्य का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल होने के साथ ही यह कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग की वजह से भी काफी प्रसिद्ध है. आप यहां बाला क्विला, भानगढ़ किला, पांडु पोल और अन्य मंदिरों को देखने के लिए जा सकते हैं.

आइये अब अलवर (Alwar) शहर से रूबरू करवाते है. 1106 में विक्रमी संवत आमेर का राजा ने अपने नाम के तहत अलपुर शहर की स्थापना की, जो बाद में अलवर बन गया. इस शहर पर कई राजपूत राजाओं ने शासन किया है. जिनमें खानजादा राजपूत, निकुंभ राजपूत, बडगुर्जर राजपूत और अंत में नरुका राजपूत के नाम शामिल है. राजपूत राजा प्रताप सिंह ने आधुनिक अलवर की नींव रखी. जो उपनिवेशवाद के दौरान एक रियासत बन गया.
18 मार्च 1948 में राज्य का तीन 3 पड़ोसी रियासतों- भरतपुर, धौलपुर और करौली में मिल गया था. 15 मई 1948 को में अलवर को पड़ोसी रियासतों और अजमेर के क्षेत्र में आधुनिक राजस्थान बनाने के लिए जोड़ा गया. इसके बाद इसको राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र भी बनाया गया, जिसके बाद इसका तेजी से विकास हुआ. अलवर शहर में घूमने के लिए कई जगह है.

बाला किला शहर को देता है राजसी दृश्य

आइए आपको कुछ जगहों के बारे में बताते है. बाला किला या अलवर किला अलवर (Alwar) शहर के ऊपर अरावली रेंज में स्थित है. यह किला अलवर (Alwar) शहर के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है जिसका निर्माण 15 वीं शताब्दी में हसन खान मेवाती द्वारा किया गया था. बाला किला अलवर शहर में 300 मीटर ऊंची चट्टान के ऊपर स्थित है. जो शहर को एक राजसी दृश्य प्रदान करता है.

भानगढ़ के किला में रात के समय जाना निषेध

भानगढ़ का किला अलवर जिले की अरावली पर्वतमाला में सरिस्का अभ्यारण्य पर स्थित है. यह किला ढ़लान वाले इलाके में पहाड़ियों के तल पर बसा हुआ है. जो देखने में बेहद भयानक लगता है. भानगढ़ किला अलवर शहर का एक बेहद प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जो अपनी भुतिया किस्सों की वजह से सबसे ज्यादा चर्चा में बना रहता है. भानगढ़ किला यहां होने वाली घटनायों की वजह से इतना ज्यादा फेमस है कि कोई भी इस किले के अंदर अकेला जाने से डरता है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण या एएसआई ने इस किले में रात के समय पर्यटकों और स्थानीय लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा रखी है.

सिलीसेढ़ झील पर्यटन का अद्भुत स्थल

सिलीसेढ़ झील अलवर शहर का एक अद्भुत पर्यटक आकर्षण है. जो कई मज़ेदार गतिविधियों और स्थानों से भरा हुआ है. सिलीसेढ़ झील 7 वर्ग किलोमीटर के एक बड़े क्षेत्र में फैली हुई है. जो यहां आने वाले पर्यटकों और यात्रियों को तरोताजगी देती हैं.

सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य करवाता है प्रकृति का अहसास

इसके बाद बात आती है सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य अलवर शहर का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो लगभग 800 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है. यह अभयारण्य घास के मैदान, शुष्क पर्णपाती वन, चट्टानों को कवर करता है जिसको अब सरिस्का टाइगर रिजर्व के रूप में जाना जाता है. सरिस्का इतिहास प्रेमियों के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों, वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए अलवर शहर में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है.

तालवृक्ष के विकास में गहलोत सरकार ने लगाए लगभग 5 करोड़

अलवर शहर की सुंदरता और बरकरार रखने के लिए सरकार के द्वारा क्या कुछ कदम उठाए जा रहे है. अलवर जिले के बानसूर किला स्थित माताजी मंदिर और गंगा माता मंदिर, तालवृक्ष में विकास कार्य करवाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 4करोड़ 24 लाख रुपये के वित्तीय प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. स्वीकृत राशि से बानसूर किला स्थित माताजी मंदिर में सीढ़ियों की मरम्मत, किले में नए पाथवे का निर्माण, स्टील रैलिंग, नवीन हॉल, पत्थर की बेंचों का निर्माण, सौर ऊर्जा की स्थापना तथा मंदिर प्रांगण में विभिन्न उन्नयन कार्य कराए जाएंगे.

साथ ही गंगा माता मंदिर, तालवृक्ष में नवीन धर्मशाला निर्माण, सोलर लाइट, मंदिर परिसर में पार्किंग, चारदीवारी निर्माण सहित विभिन्न कार्य किए जाएंगे. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी. हमारे राजस्थान की टूरिस्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की नई-नई चीज़े सरकार लेकर आ रही है. जिससे हमारे प्रदेश का स्थान पुरे देश विदेश में अपनी अलग पहचान बना सके.

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लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
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शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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