15वीं विधानसभा के आने वाले 5 सालों में राजस्थान की कमान अशोक गहलोत के हाथों में होगी।राजस्थान में अगले 5 सालों तक कांग्रेस की सरकार होगी। जिसकी कमान आखिर किसके हाथों में होगी ये तय हो गया हैं। 7 दिसंबर को हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारी बहुमत हासिल किया हैं। जिसके बाद आज कांग्रेस ने राजस्थान में अपने मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा कर दी हैं।
बता दें कि वर्तमान में गहलोत सरदारपुरा से चुनाव जीते है, जहां 45597 वोटों सेजीत हासिल की हैं। पार्टी में वे प्रदेश महासचिव हैं। वे पिछले 40 सालों से राजनिति में सक्रिय हैं। अशोक गहलोत राजस्थान के नए मुख्यमंत्री होंगे। दिल्ली में हुई विधायकों की मीटिंग के बाद ये फैसला लिया गया है कि राजस्थान में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। तो आइए एक नजर डालते है अशोक गहलोत के अब तक के राजनीतिक करियर पर।
मुख्यमंत्री राजस्थान
अशोक गहलोत 1 दिसबंर 1998 से 8 दिसंबर 2003 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। वहीं दूसरी बार अशोक गहलोत को 13 दिसम्बर, 2008 को राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
लोकसभा राजनीतिक करियर
गहलोत 7वीं लोकसभा (1980-84) के लिए वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में प्रतिनिधित्व किया।
सरदारपुरा(जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद गहलोत फरवरी, 1999 में 11वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य बने। गहलोत पुन: इसी विधानसभा क्षेत्र से 12वीं राजस्थान विधानसभा के लिए 4 दिसंबर 2003 को निर्वाचित हुए तथा 13वीं राजस्थान विधानसभा के लिए 8 दिसंबर 2008 को सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही पुन: निर्वाचित हुए।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी
जनवरी, 2004 से 16 जुलाई 2004 तक गहलोत ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में विशेष आमन्त्रित सदस्य के रूप में कार्य किया और इस पद पर रहते हुए हिमाचल प्रदेश व छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी के रूप में सफलतापूर्वक जिम्मेदारी का निर्वहन किया।
17 जुलाई 2004 से 18 फ़रवरी 2009 तक गहलोत ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप में कार्य किया। इस दौरान श्री गहलोत ने उत्तरप्रदेश, दिल्ली, समस्त फ्रन्ट इकाईयों व सेवादल के प्रभारी के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया। महात्मा गांधी के ऐतिहासिक दांडी मार्च के 75 वर्ष पूरे होने पर कांग्रेस एवं महात्मा गांधी फाउण्डेशन की ओर से आयोजित ढाडी यात्रा के समन्वयक के रूप में कार्य करते हुए सफलता पूर्वक सम्पन्न कराया।
केन्द्रीय मंत्री
उन्होंने स्व॰ इन्दिरा गांधी, स्व॰ राजीव गांधी तथा स्व॰ पी.वी.नरसिम्हा राव के मंत्रिमण्डल में केन्द्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया। वे तीन बार केन्द्रीय मंत्री बने। जब इन्दिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं उस समय अशोक गहलोत 2 सितम्बर, 1982 से 7 फ़रवरी 1984 की अवधि में इंदिरा गांधी के मंत्रीमण्डल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे।
इसके बाद गहलोत खेल उपमंत्री बनें। उन्होंने 7 फ़रवरी 1984 से 31 अक्टूबर 1984 की अवधि में खेल मंत्रालय में कार्य किया तथा पुन: 12 नवम्बर, 1984 से 31 दिसम्बर, 1984 की अवधि में इसी मंत्रालय में कार्य किया। उनकी इस कार्यशैली को देखते हुए उन्हें केन्द्र सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया।
31 दिसम्बर, 1984 से 26 सितम्बर, 1985 की अवधि में श्री गहलोत ने केन्द्रीय पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके पश्चात् उन्हें केन्द्रीय कपड़ा राज्य मंत्री बनाया गया। यह मंत्रालय पूर्व प्रधानमंत्री के पास था तथा गहलोत को इसका स्वतंत्र प्रभार दिया गया। गहलोत इस मंत्रालय के 21 जून 1991 से 18 जनवरी 1993 तक मंत्री रहे।
राजस्थान सरकार में मंत्री
जून, 1989 से नवम्बर, 1989 की अल्प अवधि के बीच गहलोत राजस्थान सरकार में गृह तथा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के मंत्री भी रहचुके हैं।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल
गहलोत को 3 बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहने का गौरव प्राप्त हुआ है। पहली बार गहलोत 34 वर्ष की युवा अवस्था में ही राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बन गये थे। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में उनका पहला कार्यकाल सितम्बर, 1985 से जून, 1989 की अवधि के बीच में रहा।
1 दिसम्बर, 1994 से जून, 1997 तक द्वितीय बार व जून, 1997 से 14 अप्रैल 1999 तक तृतीय बारवे पुन: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर रहे। वर्ष 1973 से1979 की अवधि के बीच गहलोत राजस्थान NSUI के अध्यक्ष रहे और उन्होंने कांग्रेस पार्टी की इस यूथ विंग को मजबूती प्रदान की। गहलोतवर्ष 1979 से 1982 के बीच जोधपुर शहर की जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा वर्ष 1982 में गहलोत राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (इन्दिरा)के महासचिव भी रहे।