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‘भारत बंद’ का राजस्थान में दोहरा असर, कहीं उत्पात तो कहीं शांतिपूर्ण रहा प्रदर्शन; जोधपुर में ठेले मालिक पर गिरा गर्म तेल

दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर आज 'भारत बंद' का आह्वान किया था।

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चौक टीम, जयपुर। दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर आज ‘भारत बंद’ का आह्वान किया था। भारत बंद का बसपा, समेत कई राजनीतिक दलों, विभिन्न सामाजिक संगठनो ने समर्थन किया है। आज राजस्थान में भी भारत बंद का असर देखा गया है। पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, टोंक सहित कई शहरों में निकली रैलियों में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए। कई जिलों से प्रदर्शन और रोड जाम की सूचनाएं आयी हैं। वहीं जोधपुर से एक ठेले संचालक पर गर्म तेल गिरने की खबर भी सामने आयी है। इसके अलावा बीकानेर में भी दो गुटों में झड़प के बाद माहौल बिगड़ने की खबर सामने आयी है।

राजस्थान के डीजीपी का बयान आया सामने

राजस्थान में भारत बंद को लेकर DGP यूआर साहू का बयान सामने आया है। साहू ने कहा कि राजस्थान में दो-तीन घटनाओं को छोड़कर बंद शांतिपूर्ण रहा है। दो-तीन जगह से सूचना मिली है कि बंद के दौरान क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की गई। इस संबंध में शिकायत के आधार और अनुसंधान किया जाएगा। डीजीपी ने आगे कहा कि राजस्थान में राज्य सरकार के निर्देशों पर पुलिस डिपार्टमेंट ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। उसी के अनुसार आज पुलिस प्रशासन ने बेहतर ढंग से अपनी ड्यूटी को अंजाम दिया।

राजस्थान में भारत बंद का मिला-जुला असर

दरअसल, राजस्थान में भारत बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला है। कई शहरों में अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के भारी संख्या में लोग रैलियों के साथ पहुंचे और कलेक्टर को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इसके अलावा राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में भी भारत बंद का असर देखने को मिला है।

राजस्थान के कई शहरों में कलेक्टर के आदेश के बाद सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूल बंद हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में दुकान कहीं खुली है, तो कहीं पर बंद रही हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोग रैली के माध्यम से पहुंचकर इन दुकानों को बंद करवाते नजर आए। ग्रामीण क्षेत्रों अनुसूचित जाति एवं जनजाति समाज के लोग सांकेतिक रैली निकालने के बाद उपखंड स्तर पर एकत्रित हुए। उपखंड स्तर पर एकत्रित होने के बाद नील झंडे के साथ SC-ST समाज के लोगों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री ओर राष्ट्रपति का नाम ज्ञापन सौंपा है।

जयपुर में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला

बता दें राजधानी जयपुर में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला। शहर में बाजार बंद नजर आए। बस और टैक्सी सेवा भी बंद के दौरान बाधित रही। लो-फ्लोर और रोडवेज बसों का संचालन भी बंद रहा। जेसीटीएसएल की ओर से लो-फ्लोर बसों को नजदीकी थानों में खड़ी करने एवं आगार के पास वाली गाड़ियों को डिपो बुलाया गया। सिंधी कैंप बस स्टैंड से राजस्थान रोडवेज का संचालन सुबह 5 बजे से बंद रहा।

जयपुर में 25 टीमें बनाई गई। इन टीमों अपने-अपने इलाके में टोलियों में रैली निकाली और बाजारों को बंद करवाया। बंद के समर्थन में बड़ी रैली रामनिवास बाग से शुरू हुई, जो चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, सांगानेरी गेट, एमआई रोड होते हुए रामनिवास बाग में आकर खत्म हुई।

जोधपुर में ठेले मालिक पर गिरा गर्म तेल

जोधपुर में भी विभिन्न संगठनों ने रैली निकाली व जय भीम के नारे लगाते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। हालांकि जोधपुर में शांति पूर्ण माहौल रहा। लेकिन जोधपुर के निकटवर्ती शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सेतरावा के निकट सोमेसर गांव में जबरदस्ती व्यापारियों के प्रतिष्ठान बंद करवाएं।

गांव में ठेला लगाकर पकोड़े बनाने वाले रमेश पर गरम तेल उड़ेल दिया। इस घटना के विरोध में महिलाओं ने रास्ता जाम किया पुलिस की समझाइश पर महिलाएं वहां से हटी। इधर ग्रामीण पुलिस एसपी का कहना है कि ऐसी हरकत करने वाले किसी भी उत्पाती को बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना में व्यापारी के घुटनों के नीचे का तेल से पांव झुलस गए है उसे एम्बुलेंस में अस्पताल भेजा गया जहां उसका इलाज करवाया गया।

बीकानेर में बवाल, दो गुटों में झड़प

भारत बंद के दौरान राजस्थान के बीकानेर जिले से बवाल की खबर सामने आई है। बीकानेर के बज्जू में भारत बन्द के दौरान दो गुटों झड़प हुई. इस झड़प में एक व्यक्ति घायल भी हो गया। झड़प के बाद क़स्बे में तनाव की स्थिति बनी है। बताया गया कि दुकान बन्द करवाने को लेकर विवाद हुआ। झड़प के बाद पुलिस मौक़े पर पहुंच चुकी है। घायल का इलाज सीएचसी में कराया जा रहा है। हालांकि एसएमडी रंजीत कुमार ने बताया स्थिति कंट्रोल में है।

एससी-एसटी के लोग इसलिए कर रहे हैं विरोध?

सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा है कि सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं, उदाहरण के लिए – सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। इन लोगों के उत्थान के लिए राज्‍य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती हैं। इसके विरोध में एससी-एसटी समाज ने भारत बंद का ऐलान किया है।

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