31 सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर
राजस्थान विधान सभा चुनावों में प्रत्याशियों की जीत में जातिगत समीकरण मुख्य कारक रहा है। यही कारण है कि दोनों प्रमुख राजनैतिक दलों ने इस बार 200 विधानसभा सीटों में से 31 विधानसभा सीटों पर एक ही यानी समान जाति के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं।
दोनों पार्टियों ने टिकट वितरण के दौरान जातिगत समीकरणों का विशेष तौर पर ध्यान रखा है। दोनों पार्टियों ने जाट समुदाय के 33 उम्मीदवारों को पार्टी के टिकट दिये हैं। बीजेपी ने 26 राजपूत जबकि कांग्रेस ने 15 राजपूत प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं दोनों पार्टियों ने टिकट वितरण में ब्राह्मण, वैश्य, OBC और SC/ST को उचित प्रतिनिधित्व देने का ध्यान रखा है। कांग्रेस ने 15 मुस्लिम उम्मीरवारों को पार्टी का टिकट दिया है वहीं बीजेपी ने केवल एक मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दिया है।
60 से अधिक SC/ST प्रत्याशियों को टिकट
दोनों ही पार्टियों ने 60 से अधिक SC/ST के प्रत्याशियों को टिकट वितरित किये हैं। राजनैतिक पार्टियों ने टिकट वितरण में जातिगत समीकरणों को दिमाग में रखकर टिकटों का वितरण किया है। कांग्रेस को बीजेपी सरकार के सत्ता विरोधी मुद्दे, राजपूत और अन्य प्रभावशाली समाज के ऐसे उम्मीदवार, जिन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया है, का लाभ स्वत: मिल जायेगा।
15 सीटों पर जाट प्रत्याशियों का सीधा मुकाबला
कांग्रेस और बीजेपी ने 31 सीटों पर एक ही जाति के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं। 15 सीटों पर जाट समाज के उम्मीवारों का सीधा मुकाबला है, वहीं सात सीटों पर ब्राह्मण समाज के प्रत्याशियों, चार सीटों पर राजपूत समाज के प्रत्याशियों और दो-दो सीटों पर गुर्जर और यादव समाज के बीच सीधा मुकाबला है।
किस-किस के बीच मुकाबला
चुनाव लड़ने वाले प्रमुख जाट नेताओं में सूरतगढ़ सीट पर बीजेपी के राम प्रताप कसनिया का मुकाबला कांग्रेस के हनुमान मील के साथ वहीं हनुमानगढ़ सीट पर बीजेपी के डॉ. राम प्रताप कांग्रेस के विनोद चौधरी से सादुलपुर सीट पर रामसिंह कंसवा का कृष्णा पुनिया के साथ मुकाबला है। प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बीकानेर (West) पर ब्राह्मण नेताओं का दिलचस्प मुकाबला होगा। बीजेपी के गोपाल जोशी को कांग्रेस के बी डी कल्ला के बीच सीधा मुकाबला है। वहीं रतनगढ सीट पर बीजेपी के अभिषेक महर्षि का मुकाबला कांग्रेस के भंवरलाल के साथ होगा।