चौक टीम, जयपुर। जालोर के बाड़मेर मार्ग पर ओडवाड़ा गांव में दो भाइयो के झगडे की वजह से 35 एकड़ ओरण भूमि पर बने 440 से अधिक मकान व अतिक्रमण हटाने का भारी विरोध देखा जा रहा है। बता दें कार्रवाई के दौरान गुरुवार को प्रशासन और पुलिस अधिकारी पहुंचे तो ग्रामीणों ने रास्ता ब्लॉक कर दिया। महिलाएं बुलडोजर और पुलिस की गाड़ियों के आगे बैठ गईं।
दरअसल, इस मामले में हाईकोर्ट ने सात मई को चारागाह भूमि पर बने मकानों को हटाने के आदेश दिए थे। इसी मामले में अतिक्रमण हटाने के लिए आज सुबह जिला प्रशासन और पुलिस का जाब्ता पहुंचा था। यह कार्रवाई तीन दिन तक चलेगी।
कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई की जा रही है- SDM
इस कार्रवाई को लेकर आहोर एसडीएम शंकर लाल मीणा ने बताया कि कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई की जा रही है। जहां कोर्ट का स्टे है, उन जगहों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बुलडोजर के आगे-आगे महिलाएं हाथ जोड़कर उनके आशियाने को नहीं तोड़ने की गुहार कर रही हैं। महिलाओं और ग्रामीणों को खदेड़ने के बाद अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया गया। बिजली विभाग के कर्मचारियों ने पहले चारागाह भूमि पर बने घरों के कनेक्शन काटे।
दो भाईयों के विवाद के बाद शुरू हुआ ये मामला
गौरतलब है कि ये प्रकरण दो भाईयों के विवाद के बाद शुरू हुआ है जहां कुछ साल पहले दो भाईयों का ज़मीनी विवाद कोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने जब जांच करवाई तो गांव के 440 घरों को भी घेरे में ले लिया। कोर्ट का कहना है की ये सभी घर ओरण भूमि पर बने हुए हैं। सवाल यह है की जब इतने बड़े पैमाने पर घर बन रहे थे तो एक्शन क्यों नहीं लिया गया और क्या इन 400 परिवारों को बेघर कर दिया जाएगा?
बता दें ओडवाड जालोर जिले के आहोर उपखंड गांव में बसा है जहां से पुलिस बर्बरता की तस्वीरें लगातार आ रही है। वहीं, पहले इन सभी घरों को चिह्नित कर क्रॉस का निशान लगाया गया था और घरों को खाली करने को लेकर पूर्व में नोटिस भी जारी किया गया था।
2 मई को सभी मकान मालिकों को नोटिस जारी हुआ था
फिर तहसीलदार ने कोर्ट के आदेश के बाद 2 मई को सभी मकान मालिकों को नोटिस जारी किए जिसमें मकान खाली के लिए 14 मई तक मोहलत दी गई। है। जानकारी है की कुछ लोग इस मामले में कोर्ट से स्टे ले आए हैं लेकिन जो आर्थिक रूप से कमज़ोर है और जोधपुर कोर्ट में गुहार नहीं लगा सकते, वे कोई कानूनी दांव पेंच नहीं खेल पाए।
गांव वालों ने सौंपा था राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन
ओडवाड़ा की पूर्व सरपंच प्रमिला राजपुरोहित के नेतृत्व में गांव की महिलाओं ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है जिसमें उन्होंने यहां रह रही अपनी तीन पीढियों का ब्योरा भी दिया है। अब 16 मई को ओडवाड़ा में नेता और प्रशासनिक अधिकारियों का जमावड़ा हैं। प्रशासनिक अधिकारी सभी 440 घर तोड़ने पर उतारू है तो वहीं, नेता इसे रोकने की जद्दोजहद कर रहे हैं।