चौक टीम, जयपुर। राजस्थान में राज्य सभा की एक रिक्त सीट के उप चुनाव 3 सितम्बर को होगा। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया 14 अगस्त को अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि राज्य सभा उप चुनाव की प्रक्रिया राज्य विधानसभा परिसर में होगी।
नामांकन प्रक्रिया 14 अगस्त से शुरू होगी
भारत निर्वाचन आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, के सी वेणुगोपाल के राज्य सभा की सदस्यता छोड़ने पर रिक्त हुए स्थान के लिए यह उपचुनाव हो रहा है। इस सीट पर सदस्यता का कार्यकाल 21 जून, 2026 तक रहेगा। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उप चुनाव के लिए 21 अगस्त तक नामांकन पत्र भरे जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की संवीक्षा 22 अगस्त को होगी, जबकि 27 अगस्त तक अभ्यर्थी नाम वापस ले सकेंगे। आवश्यक होने पर मतदान 3 सितम्बर को प्रातः 9 बजे से सायं 4 बजे तक होगा। मतगणना इसी दिन सायं 5 बजे से होगी। चुनाव प्रक्रिया 6 सितम्बर तक सम्पन्न कर ली जाएगी।
गौरतलब है कि राजस्थान सहित देश के 9 राज्यों में राज्य सभा की कुल 12 सीटों पर उप चुनाव सम्पन्न होने हैं। इनमें से 10 सीटें तत्कालीन सदस्यों के 18वीं लोक सभा का सदस्य चुने जाने और 2 सीटें सदस्यों के त्याग-पत्र देने के कारण रिक्त हुई हैं।
जीत के लिए 99 विधायकों के वोट चाहिए
राज्यसभा के सदस्यों को विधायक चुनते हैं। राज्यसभा के चुनाव में अपनाए जाने वाले फार्मूले के हिसाब से जितनी सीटें खाली होती हैं, उसमें एक जोड़कर जितनी विधानसभा सीटें होती हैं, उसमें भाग दिया जाता है। भाग के परिणाम में एक जोड़ा जाता है। इससे जो रिजल्ट आता है, उतने वोट एक सीट पर जरूरी होते हैं। राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन 5 सीटें खाली हैं। राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए 99 वोट चाहिए। बीजेपी के पास 115 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास मात्र 66 विधायक हैं। संख्या बल के हिसाब से बीजेपी की जीत तय है।
जातियों को साधने के लिए ये नाम चर्चा में
राजस्थान की 10 में से एक सीट खाली हो गई है। उस सीट पर अब किसे भेजा जाएगा, इसे लेकर मंथन हो रहा है। बीजेपी से अभी कुल चार राज्यसभा सदस्य हैं। जिनमें एक भी जाट या क्षत्रिय नहीं है। इसलिए यहां से इन दोनों जातियों में से एक को साधा जा सकता है। हालांकि, किसी दूसरे राज्य के नेता की भी एंट्री हो सकती है। पंजाब से केंद्रीय मंत्री बनने वाले रवनीत सिंह बिट्टू को भी यहां से बीजेपी भेज सकती है। हनुमानागढ़ और श्रीगंगानगर जिलों तक एक बड़ा संदेश देने की तैयारी है। वहीं कांग्रेस किसी केंद्रीय नेता को प्रत्याशी बना सकती है। हालांकि, कांग्रेस अभी यहां चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं है। संख्याबल के हिसाब से बीजेपी मजबूत है।