रेतीले जैसलमेर में प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को सर्दी में भी आ रहा है पसीना

चुनावी माहौल में जहां हर कोई अपनी पार्टी की जीत के लिए हर संभव कोशिश करते नजर आ रहें है, वहीं कई लोगो को प्रचार प्रसार करने में कई मुसिबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही कुछ आपको देखने को मिलेगा देश के सबसे बड़े विधानसभा क्षेत्र जैसलमेर के चुनाव प्रचार में। यहां के प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को सर्दी में भी प्रचार प्रसार करने में पसीना आ रहा है। जैसलमेर जो कि पाक सीमा के बिल्कुल निकट ही स्थित है वहंा चुनाव प्रचार करना जितना मुश्किल है, उतना ही चुनौतिपूर्ण काम भी है। यहां की हालात ये है कि 28,874 वर्ग किलोमीटर में फैले जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में जनसम्पर्क करना तक संभव नहीं है क्योकि यहां के रैतीले धोरों से निकलना काफी मुश्किल हो जाता है और घर-घर जाकर लोगो से संपर्क करना काफी मुश्किल काम होता है। रेतीले धोरों में लक्जरी कारों का चलना काफी मुश्किल है।

चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में बंदिशों के कारण प्रत्याशी और पार्टियां प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने में असहाय है ।

आपको बता दें कि यहां के प्रत्याशियों और पार्टी के लिए यह काम काफी मुश्किल है कि वो लोगो को उन्हें वोट देने के लिए मजबूर करें।

रेतीले धोरों में प्रचार के लिए 70 से 100 जीपें लगानी पड़ती है, जिनका प्रतिदिन खर्च करीब 15 लाख रूपए होता है। हालांकि यह खर्च रिकॉर्ड में नहीं दिखाता जाता है।

कई बार तो प्रचार करने वालों के साथ ऐसा तक हो जाता है कि वो कई बार अंधेरे में रास्ता तक भटक जाते है और रात में उन्हें वहीं रेतीले धोरों में ही रात गुजारनी पड़ती है। कांग्रेस प्रत्याशी और भाजपा प्रत्याशी सहित अन्य प्रत्याशियों का मानना है कि यहां चुनाव प्रचार करना आसान नहीं है।

यहां के कई गांव सरहद पर बसे हुए है। क्षेत्र के शाहगढ़,धनाना,हरनाऊ,लंगतला आदि गांवों में चुनाव सामग्री पहुंचाने के साथ ही कर्मचारियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था भी की जाती है। इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल की भी व्यवस्था रखनी पड़ती है।

कई गांवों में पोलिंग बूथ पर 100 से 150 मतदाता है,लेकिन वहां पर पहुंचना मुश्किल है। इस क्षेत्र में 2,24,360 मतदाता है। क्षेत्र में 82 ग्राम पंचायत है। जहां तक पहुंचना लोगो के लिए काफी मुश्किल काम है। वैसे तो प्रचार प्रसार करने वालों ने काफी अच्छी सुविधा की है लेकिन फिर भी जैसलमेर जैसी जगह पर इन सभी सुविधाओं को सुचारू रखने में काफी समस्या आती ही है।

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Dr Sharad Purohit
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शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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