‘विपक्ष के पास बजट की आलोचना करने के लिए शब्द नहीं…’, सीएम भजनलाल ने बजट पर दिया शानदार जवाब; की ये बड़ी घोषणाएं

सीएम भजनलाल शर्मा के बजट पर जवाब आते ही राजस्थान विधानसभा में आज बजट पास हो गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वित्त विधेयक पर बहस का जवाब दिया है।

चौक टीम, जयपुर। सीएम भजनलाल शर्मा के बजट पर जवाब आते ही राजस्थान विधानसभा में आज बजट पास हो गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वित्त विधेयक पर बहस का जवाब दिया है। उन्होने कहा कि विपक्ष के पास बजट की आलोचना करने के लिए शब्द नहीं है। हम 2047 के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। हम विकसित भारत के विजन को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष को अपनी पार्टी का अंधकार दिख रहा है। नेता प्रतिपक्ष का कंपटीशन डोटासरा जी से हैं। झूठ और भ्रम के बारे में स्थिति स्पष्ट करना जरूरी है।

सीएम ने कविता से कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर निशाना साधा

सीएम भजनलाल शर्मा ने कविता से कांग्रेस और डोटासरा पर तंज कसते हुए कहा कि, “पर लीक इतने हुए, कितने करूं बखान, पास हुए परिवारजन, क्या-क्या करूं बयान। खूब करी मेहमान नवाजी अपनी सरकार बचाने को, जनता का पैसा लुटवाया अपना राज बचाने को। अपने स्वार्थ की खातिर अपनों को ही दी गाली, केवल अपना ध्यान रखा, सिर्फ भरी रहे मेरी थाली।”

जूली का कॉम्पिटिशन डोटासराजी से हैसीएम भजनलाल

सीएम भजनलाल शर्मा ने नेता प्रतिपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि आप कविता पढ़ रहे हैं, नाम रोहित का ले रहे हैं। आपका कॉम्पिटिशन रोहित बोहरा से नहीं, डोटासरा जी से है। सीएम ने कहा- देश के पीएम ने कहा था कि देश में चार जातियां हैं। युवा, महिला, किसान और गरीब। यह बजट इन चारों को आगे ले जाने वाला है। बजट को लेकर सदन में काफी कुछ कहा गया। यह बजट चहुंमुखी विकास करने वाला है। इन लोगों को तकलीफ इस बात से है कि विपक्ष के कुछ विधायकों ने भी खुले मन से तारीफ की।

25 जून को लोकतंत्र का गला घोंटा गया था- CM

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि 25 जून को लोकतंत्र का गला घोंटा गया था। हम लोकतंत्र में पूरा विश्वास रखते हैं। कांग्रेस सरकार ने राजस्थान नहर का नाम 1984 में बदलकर इंदिरा गांधी नहर कर दिया गया। कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे के लिए नहर का नाम बदला था। कांग्रेस में केवल एक ही परिवार की भक्ति करने की परंपरा है। अन्नपूर्णा रसोई का नाम बदलकर इंदिरा गांधी कर दिया गया। कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण विद्युत कंपनियां खतरे में आ गई।

‘कांग्रेस सरकार ने केवल थोथी घोषणाएं की’

सीएम ने कहा- पिछली सरकार ने केवल थोथी घोषणाएं की। कहते थे कि आप मांगते-मांगते थक जाओगे, मैं देते-देते नहीं थकूंगा। पशुधन स्वास्थ्य बीमा की घोषणा की, लेकिन एक भी पशु का बीमा नहीं किया। राजसमंद-जालोर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की थी, वहां बने क्या? डे केयर सेंटर खोलने की घोषणा की थी, कितने बने?

सीएम ने कहा- इंदिरा गांधी का बचपन का नाम प्रियदर्शनी था, महिलाओं की योजना का नाम कहां से ढूंढकर लाए। ​एक परिवार के प्रति ऐसा समर्पण कहीं देखने को नहीं मिलेगा। सीएम ने कहा- कांग्रेस राज की घोषणाएं खूब हुईं, लेकिन कुछ नहीं किया। 1000 बसों की घोषणा की, वे आ गईं क्या? कांग्रेस सरकार पर एक कहावत लागू होती है थोथा चना, बाजे घणा।

बिजली संकट पर क्या बोले मुख्यमंत्री ?

उन्होंने कहा की नेता प्रतिपक्ष ने एक बात सच-सच भी कही की हमारे प्रदेश में कंपनियां इसलिए भी नहीं आ रही क्योंकी हमारे प्रदेश में बिजली और पानी नहीं है। लेकिन यह कांग्रेस के पांच साल के शासन की अविवेकपूर्ण नीतियों का ही परिणाम है। इनके समय में ही राज्य की विद्युत कंपनियां दिवालिया पन में पहुंच गईं। जहां वर्ष 2018-19 में विद्युत कंपनियां 2607 करोड़ रुपए के लाभ में थीं। परंतू वर्ष 2023- 24 में विद्युत कंपनियों पर लगभग 91 हजार करोड़ रुपए का ऋणभार हो गया है।

कांग्रेस शासन में पंचायतीराज में कोई काम नहीं हुआ- CM

सीएम भजनालाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस शासन में पंचायतीराज में कोई काम नहीं हुआ। अटल सेवा केंद्र का नाम बदलकर राजीव गांधी केंद्र रख दिया। हमारी सरकार में ज्यादा सड़कों का निर्माण हुआ। कांग्रेस के शासन में राजसमंद में मेडिकल कॉलेज नहीं बना। केंद्रीय नेतृत्व को खुश करने के लिए PM का उपहास उड़ाया। कांग्रेस ने भामाशाह योजना का नाम बदलकर जनाधार कर दिया। भाजपा सरकार में महिलाओं के जनधन खाते खोले गए। आज केंद्र से गया पूरा पैसा आम जनता तक पहुंचता है। देश के प्रधानमंत्री दिन-रात काम कर रहे हैं। पिछली सरकार में 1 रुपया जाते-जाते 10 पैसा रह जाता था।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आगे कहा कि कांग्रेस ने गरीबी नहीं हटाई गरीबों को और गरीब बना दिया। मोदी सरकार में कोरोना काल में सबसे बड़ा वैक्सीनेशन। PM मोदी के नेतृत्व में लोग गरीबी से बाहर आए है। आज विदेशों में भारत का डंका बज रहा है। कांग्रेस के शासन काल में अर्थव्यवस्था 11वें स्थान पर थी।

बजट में सीएम ने शहरों के लिए की कई घोषणाएं

  • एम्स की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेंज(रिम्स) स्थापित किया जाएगा।
  • 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों में अटल प्रगति पथ बनाया जाएगा।
  • सभी तरह के राशन कार्ड धारकों को अब 450 रुपये में मिलेगा गैस सिलेंडर।
  • सरकार अब 500 की बजाय एक हजार इलेक्ट्रिक बस खरीदेगी।
  • बीकानेर और भरतपुर यूआईटी को विकास प्राधिकरण बनाने की घोषणा की गई।
  • कच्ची बस्तियों में रहने वालों के लिए आश्रय योजना शुरू की जाएगी। खुद के पक्के घर के लिए सरकार एक लाख रुपए देगी।
  • बालोतरा और पाली में पानी के लिए पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
  • 540 करोड़ की लागत से पेयजल के काम होंगे।
  • जयपुर में द्रव्यवती नदी के विकास के काम को आगे बढ़ाया जाएगा।
  • जैसलमेर के पोकरण में 1000 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट के लिए एमओयू होगा।
  • सरकारी सेवाओं के लिए होने वाले कॉमन एंट्रेंस टेस्ट(सीईटी) में अब अंक सीमा घटाकर 40 प्रतिशत कर दी गई है।
  • युवाओं को उद्योग लगाने की योजना के तहत अब 2 करोड़ तक रियायती दर पर कर्ज दिया जाएगा।
  • एनसीसी कैडेट्स को विभिन्न प्रकार के गेम्स के दौरान मैस भत्ता 150 रुपए से बढ़ाकर 220 रुपए प्रतिदिन किए जाना प्रस्तावित।
  • प्रदेश में अग्नि वीरों को वनरक्षक, पुलिस, होमगार्ड में सबसे भर्ती की जाएगी।
  • राजस्थान में विधायक के वेतन और पूर्व विधायकों को पेंशन में हर साल अब स्वत वृद्धि का लाभ मिलेगा।

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लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
Dr Sharad Purohithttps://x.com/DrSharadPurohit
शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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