सीएम भजनलाल शर्मा ने लोकसभा चुनाव में झोंकी पूरी ताकत, सरकार के कामकाज को भी बखूबी संभाला…5 महीने में ये रही बड़ी उपलब्धियां

आज हम बात करेंगे कि भजनलाल शर्मा ने कैसे राजस्थान की 25 सीटों पर हुए लोकसभा चुनावों में खुद को एक कुशल रणनीतिकार, एक मंझे हुए संगठन के सिपाही और एक घाघ कार्यकर्ता के रूप में पेश किया और बीजेपी के क्लीन स्वीप के साथ हैट्रिक बनाने के मिशन को धार देने का काम किया।

चौक ब्यूरो, जयपुर। सदी के मशहूर शायर निदा फ़ाज़ली साहब ने अपनी कलम से लिखा….हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी, जिसको भी देखना हो कई बार देखना, फाजली साब ने उम्दा शब्दों की सजावट से बताया कि दुनिया में कोई भी शख्सियत हो चाहे उसके एक नहीं अनेक रूप हैं अब जिसको भी देखना हो, परखना हो, समझना हो तो किसी एक चेहरे से तय करना बहुत मुश्किल और बेमानी होगी।

राजस्थान की सियासत में भी पिछले बरस ऐसा ही हुआ, जहां पहली बार के विधायक और संगठन के मंझे हुए कार्यकर्ता भजनलाल शर्मा सीधे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे तो बैठे तो कई तरह की चर्चाओं का बाजार गरम हो गया। किसी ने कहा सत्ता का अनुभव नहीं तो किसी को सूबे के भविष्य की चिंता सताने लगी, किसी ने पूछा संगठन और सत्ता का तालमेल कैसे बैठेगा तो कोई बोला सरकार तो दिल्ली से ही चलेगी। खैर भजनलाल शर्मा ने कुर्सी संभाली और महज कुछ ही दिनों में उनकी 30 साल की रगड़ाई का असर सियासी गलियारों में देखा जाने लगा।

सरकारी तंत्र को कसने के साथ अफसरों से तालमेल से लेकर सीधे लोगों से कनेक्ट करने में भजनलाल ने दिन और रात का फासला पाट दिया। भजनलाल शर्मा ने अपने राजनीतिक कौशल और मजबूत नेतृत्व की आभा को ऐसे बिखेरना शुरू किया कि हर कोई देखता ही रह गया।

आज हम बात करेंगे कि भजनलाल शर्मा ने कैसे राजस्थान की 25 सीटों पर हुए लोकसभा चुनावों में खुद को एक कुशल रणनीतिकार, एक मंझे हुए संगठन के सिपाही और एक घाघ कार्यकर्ता के रूप में पेश किया और बीजेपी के क्लीन स्वीप के साथ हैट्रिक बनाने के मिशन को धार देने का काम किया। इसके साथ ही हम बात करेंगे बतौर मुख्यमंत्री अब तक क्या-क्या उपलब्धियां रही।

भरतपुर के इस लाल ने ‘आपणो अग्रणी राजस्थान’ के सूत्र पर अपने कर्म पथ पर आगे बढ़ते गए जहां पिछले करीब 5 महीने के कार्यकाल में पेपर लीक माफियाओं पर शिकंजा, पूर्वी राजस्थान के लिए ईआरसीपी समझौता, शेखावाटी की प्यास बुझाने के लिए यमुना का पानी, बिजली, पेट्रौल डीजल के दामों में कमी, 450 रुपए में सिलेंडर और भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस जैसे कई जनहितकारी कदम उठाए। लेकिन भजनलाल शर्मा का इंतजार कई चुनौतियां भी पहले से कर रही थी जहां शर्मा ने अपने सांगठनिक अनुभव का इस्तेमाल करते हुए बखूबी उनका सामना किया।

34 साल से पार्टी की कर रहे हैं सेवा

बता दें 56 वर्षीय भजन लाल शर्मा 34 सालों से बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं। उन्हें ‘शांत, निस्वार्थ और विनम्र’ कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। 1992 में राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान जेल जाने से लेकर एबीवीपी के कश्मीर मार्च के दौरान जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में गिरफ्तार होने तक, शर्मा की छवि हमेशा एक ऐसे व्यक्ति की रही है, जो पार्टी को खुद से पहले रखता है। भजन लाल शर्मा के इन्हीं गुणों के चलते बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने उनमें एक अच्छे लीडर और प्रशासक के रूप में देखा। इसके चलते 2014 में उन्हें राजस्थान का पार्टी महासचिव बनाया। वह लगभग एक दशक से इस पद पर रहे। इसके बाद दिसम्बर में इनको राजस्थान की कमान सौंपी गई। जिसकी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। इसकी बानगी हमें हाल ही में सरकार से जुड़े हुए कई फैसलों में दिखी साथ ही लोकसभा चुनाव में भी एक कुशल नेता की छवि दिखाई दी।

भजनलाल के धुंआधार दौरे, नाप दिया पूरा राजस्थान

दरअसल, लोकसभा चुनावों को लेकर रणभेरी बजने के साथ ही भजनलाल शर्मा ने बीजेपी को 25 सीट जिताने का मिशन लेकर दिन-रात एक कर 24*7 मोड में धरातल पर उतर गए। मुख्यमंत्री ने 16 मार्च से सूबे को नापना शुरू किया जिसके बाद 24 अप्रैल तक वो लगातार राजस्थान के हर एक कोने में गए जहां जनसभाएं, बैठक, नुक्कड़ सभाएं, रैली और रोडशो किए। वहीं सीएम ने एक दिन में 3-3 सभाएं कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 400 पार के मिशन को सार्थक करने के लिए पसीना बहाया। अगर हम पहले चरण की बात करें तो राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने पहले फेज की 12 लोकसभा सीटों पर होने वाले मतदान के लिए एक महीने में 70 दौरे किए जहां करीब 29 दिनों में सीएम ने हर सीट पर चुनाव प्रचार किया। सीएम ने एक दिन में औसतन 2 से अधिक दौरे किए। बताया जाता है कि सीएम भजनलाल शर्मा ने राज्य भर में लगभग 200 छोटी और बड़ी बैठकें, रैलियां, रोड शो और सार्वजनिक बैठकें की हैं।

बता दें कि भजनलाल ने जोधपुर में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत के लोकसभा क्षेत्र जोधपुर से प्रचार अभियान का श्रीगणेश किया जिसके बाद झुंझुनूं, चूरू, अजमेर, कोटा, भरतपुर और जयपुर में क्लस्टर बैठकें की और संगठन के कार्यकर्ताओं को चार्ज करने के साथ ही संवाद का तंत्र स्थापित किया। इसके अलावा सीएम ने जनता से किए गए 45 प्रतिशत वादों को पूरा कर लोकसभा चुनाव में जनता को खास संदेश दिया।

वहीं सीएम ने सामाजिक तौर पर भी लोगों को चुनावी संदेश देते हुए गुर्जर समाज के होली स्नेह मिलन समारोह में शिरकत की और अन्य कई समाजों के कार्यक्रमों में आमजन से संवाद किया। इसके साथ ही पीएम मोदी और अमित शाह के हर रोडशो में एक सच्चे सिपाही की तरह मौजूद रहे। ऐसे में भजनलाल शर्मा ने अपने 25 साल के सांगठनिक अनुभव और कार्यकर्ता के नाते मिली नसीहत के दम पर राजस्थान में बीजेपी की हैट्रिक बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया।

राजनीतिक चतुरता और कौशलता के छुपे खिलाड़ी

भजनलाल शर्मा ने लोकसभा चुनावों की कमान संभालते ही जिस तरह से कार्यकर्ताओं को एक लड़ी में बांधने का काम किया उसको देखकर सियासत के बड़े जानकार भी हैरान हो गए। बीजेपी के प्रचार अभियान को धार देने की दिशा में उनके सामने कई चैलेंज आए लेकिन उन्होंने बड़ी ही कुशलता से उन पर विजय हासिल की, चाहे जोधपुर में गजेंद्र सिंह शेखावत और बाबू सिंह राठौड़ की अदावत हो या चितौड़गढ़ में सीपी जोशी और चंद्रभान आक्या के बीच की खींचतान भजनलाल ने हर पड़ाव को बड़ी ही चतुराई से पार किया।

सीएम ने सभी नेताओं को अपने घर बुलाकर सियासी जाजम ऐसी बिछाई जब बाहर निकले तो हर किसी के चेहरे खिले हुए और दिल मिले हुए थे। मालूम हो कि भजनलाल को संगठन के सिपाही के तौर पर काम करने का करीब 2 दशक का अनुभव है जहां वह बीजेपी के मिशन और विजन को लेकर देशभर में घूमे और प्रवास किया, इस दौरान हासिल किए अपने अनुभवों का बखूबी इस्तेमाल करते हुए हर आंतरिक और बाहरी चुनौती का डटकर सामना किया।

आम कार्यकर्ता की छवि से साधी जनता

वहीं, भजनलाल शर्मा सूबे के मुखिया बनने के बाद से ही अपनी जमीनी जुड़ाव वाली कार्यकर्ता की छवि से देशभर में चर्चा में रहे थे और मुख्यमंत्री के लाव-लश्कर आने के बाद भी उन्होंने इस रूआब को बरकरार रखा और जनता हो चाहे पार्टी का कार्यकर्ता हर किसी की सीएम तक पहुंच दिखाई दी। लोकसभा चुनावों की बिसात बिछने से पहले सीएम ने जनता से ऐसा सीधा संपर्क स्थापित किया कि लोगों को लगा मुख्यमंत्री जैसे पद पर बैठने के बाद भी भजनलाल शर्मा का अंदाज और मिजाज नहीं बदला।

जहां कभी भजनलाल किसी पार्क में मॉर्निंग वॉक पर आम जनता से मिलते तो किसी दिन पार्क में आम लोगों के साथ चाय की चुस्कियां लगाते हुए, पक्षियों के परिंडो में पानी भरते हुए दिखाई दिए। भजनलाल शर्मा ने अपनी राजनीतिक कमाई को जनता से सीधा संवाद में पहले दिन से ही सौंप दिया। वहीं लोकसभा चुनावों का बिगुल बजने पर मुख्यमंत्री के नाते हर लोकसभा, गांव और ब्लॉक तक जाकर कार्यकर्ताओं से सीधा फीडबैक लिया।

इसके साथ ही लोकसभा के प्रचार अभियान के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दो टूक संदेश देते हुए कहा कि यह समय हम सब के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है जहां हमारा अभी एक ही लक्ष्य है कि तीसरी बार राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को रिकॉर्ड मतों से जीताकर दिल्ली भेजना है। सीएम ने पार्टी के सभी विधायकों और मंत्रियों की फील्डिंग सेट की और सीधे आदेश दिए कि अगर जरूरी काम हों तो फाइलें फील्ड में मंगवा कर काम करते रहे हैं लेकिन चुनाव पर अपना फोकस रखें। अब देखना है कि राजस्थान के भागीरथ भजनलाल शर्मा अपनी सियासी चौसर में कितने कामयाब हो पाते हैं इसका फैसला 4 जून के दिन में कैद है।

कुर्सी को कोई खतरा नहीं, यह विरोधियों का प्रोपगेंडा

आपको बता दें लोकसभा चुनावों में भजनलाल शर्मा ने बाकी नेताओं की तुलना में अधिक ताकत झोंकी है। जिससे कि बीजेपी को सभी 25 सीटों पर जीत मिल सके। ऐसे में भजनलाल शर्मा का कद भी बढ़ रहा है। इसके अलावा वह मरुधरा के बाहर भी कई राज्यों में चुनाव प्रचार में लगे हैं, साथ ही कई राज्यों में प्रवासी राजस्थानियों के बीच भी खासे लोकप्रिय दिखाई दिए। इसमें कोई दोराय नहीं है कि पीएम मोदी पहले ही भजनलाल शर्मा के कामों की तारीफों के पुल बांध चुके हैं, हाल ही में एक सभा के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि अभी तो सरकार को टॉप गियर में आना बाकि है, इसका सीधा सा मतलब है कि सीएम भजनलाल शर्मा भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व की उम्मीदों पर खरे उतर रहे हैं और आलाकमान की पहली पसंद बने हुए है।

इसके अलावा राज्य में भी सीएम भजनलाल शर्मा कम ही समय में खासे लोकप्रिय हो गए है, प्रदेश की जनता को एक आमजन के मुख्यमंत्री बनने का एहसास हो रहा है। इसके साथ ही सरकार भी बेहतर तालमेल से चलाई जा रही है, मुख्यमंत्री को पार्टी संगठन और मंत्रिमंडल के साथ-साथ विधायक साथियों ता भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। इसकी बानगी लोकसभा चुनाव परिणामों की शाम ही देखने को मिली जिसमें मंत्रिमंडल के कई साथी सीएम से खुशनुमा माहौल में मिलते हुए नजर आए।

5 साल बाद कानून व्यवस्था का इकबाल बुलंद हुआ है

आपको बता दें राजस्थान में पिछली सरकार के समय कानून व्यवस्था चरमरा गई थी, उसको सीएम भजनलाल शर्मा ने आते ही सुधारने का काम किया है। प्रदेशभर में देखा जा रहा है कि 5 साल बाद प्रदेश में कानून का इकबाल बुलंद हुआ है। कांग्रेस के शासन के समय अपराधी अपराध करके भाग जाते थे लेकिन अब पकड़े जाते हैं। उन बदमाशों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी हो रही है। सरकार ने सत्ता संभालते ही गैंगस्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके तुरंत बाद पुलिस महानिदेशक ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया। प्रदेश के दबंग आईपीएस दिनेश एमएन को इस टास्क फोर्स का नोडल प्रभारी बनाया गया। दो दर्जन से ज्यादा अफसरों और पुलिसकर्मियों की नियुक्ति हुई। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स प्रदेश में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां भी कर रही है।

इसके अलावा भजनलाल सरकार द्वारा जनवरी से चलाए गए विशेष अभियानों में 10 हजार से ज्यादा आदतन अपराधी, 700 से ज्यादा ईनामी और टॉप टेन श्रेणी के 1500 से ज्यादा बदमाशों की गिरफ्तारी की गई है। 4500 के आसापास स्थाई वारंटियों को भी गिरफ्तार किया गया है। वहीं 50 से ज्यादा नशा माफियाओं पर नकेल कसी गई है, कईयों के घर पर बुल्डोजर चलाए गए हैं।

पेपर लीक के माफियाओं के खिलाफ चलाया विशेष अभियान

सीएम भजनलाल शर्मा ने सत्ता की कुर्सी संभालते ही नकल और पेपर लीक माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए एसआईटी का गठन किया। भजनलाल सरकार अब पेपर लीक माफिया और भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वालों पर चौतरफा हमले की तैयारी में है, कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद पेपर लीक की बड़ी मछलियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। अब पेपर लीक मामले में निष्पक्ष रूप से कार्रवाई की जा रही है और अब तक 100 से ज्यादा बदमाशों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। भजनलाल सरकार आने के बाद पेपर लीक, नकल और भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वालों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। एक तरफ एसओजी ने कनिष्ठ अभियंता (जेईएन) और उप निरीक्षक (एसआई) भर्ती में ताबड़तोड़ खुलासे किए। अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अधिशासी अधिकारी (ईओ)-राजस्व अधिकारी (आरओ) भर्ती में कथित धांधली की जांच एक बार फिर शुरू कर दी है। ऐसे में अशोक गहलोत सरकार के समय हुई एक और भर्ती अब विवादों में घिरती नजर आ रही है।

450 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा किया पूरा

भजनलाल सरकार ने सत्ता में आते ही 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा पूरा कर दिया। पीएम उज्ज्वला गैस योजना से जुड़े लाभार्थियों को 1 जनवरी 2024 से 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने की शुरुआत कर दी। साथ ही नए लाभार्थियों को जोड़ने का काम भी शुरू कर दिया। 2 लाख से ज्यादा लोगों ने नए आवेदन भी किए हैं। गैस कंपनियों अभी केवाईसी करने में जुटी है। केवाईसी पूरी होने के बाद पात्र परिवारों को उज्ज्वला योजना से जोड़ा जाएगा।

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लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
Dr Sharad Purohithttps://x.com/DrSharadPurohit
शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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