राजस्थान में इन दिनों विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार प्रसार जोरों पर है. दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता राज्य में सरकार बनाने के लिए अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे है लेकिन अपने भाषणों में एक दुसरे पर आरोप भी लगा रहे है. ऐसे में अब कांग्रेस ने सत्ताधीन भाजपा पर राज्य में बिजली खरीद के नाम पर छह हजार करोड़ रूपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए सरकार को घेरने की कोशिश की है.
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर हुई एक वार्ता में कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार ने 5 साल में अपने तीन करीबी मित्रों से करीब 26 हजार करोड़ रूपये की बिजली खरीदी है. इसमें राजस्थान वेस्ट पॉवर लिमिटेड से 1141 करोड़, अदानी पॉवर से 11934 करोड़ और कोस्टल गुजरात कम्पनी से 2875 करोड़ रूपये की बिजली खरीदी गई है.
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तय कीमत से ज्यादा चुकाई गई राशि –
सुरजेवाला का आरोप है कि राजस्थान वेस्ट पॉवर लिमिटेड से 2.08 रूपये प्रति यूनिट पर 25 साल तक बिजली खरीद का समझौता हुआ था जबकि उनसे बिजली 4.06 रूपये प्रति यूनिट पर बिजली खरीदी गई है. इसी प्रकार अदानी पॉवर से 3.24 रूपये प्रति यूनिट के बजाय 3.66 रूपये प्रति यूनिट और कोस्टल गुजरात से 2.42 रूपये प्रति यूनिट पर बिजली खरीदी है. इन कम्पनियों की अनुबंध राशि और खरीद राशि में 6783 करोड़ रूपये का अंतर है.
कांग्रेस के अनुसार अपने पिछले शासन में उन्होंने मात्र 6526 करोड़ रूपये की बिजली खरीदी थी जबकि भाजपा सरकार ने 41,966 करोड़ रूपये की बिजली खरीदी है. कांग्रेस ने अपने शासन में बिजली खरीदने में सरकारी कम्पनियों का ध्यान रखा था लेकिन भाजपा ने अपने दोस्तों की कम्पनियों को फायदा पहुँचाने के लिए निजी कम्पनियों से महंगी कीमतों पर बिजली खरीदी और इसकी वजह से सरकारी बिजली उत्पादन केंद्र बंद होने की स्थिति में आ गए.