11 सीटों पर कांग्रेस ढूंढ रही जीत की चाबी, जानिए कौन-कौन सी है ये सीटे?

राजधानी जयपुर में कांग्रेस की लगातार हो रही हार कांग्रेस के लिए मुश्किल का सबब बनी हुई है, पिछले विधानसभा चुनावों में जयपुर जिले का प्रदर्शन इतना खराब था कि मात्र एक विधानसभा कोटपूतली में उसे जीत मिली थी, वर्तमान की बात करें तो 19 सीटों में से एक निर्दलिय, एक राजपा, एक कांग्रेस और 16 भाजपा की सीटें है, इन 19 सीटों में से 11 सीटें वो है जिनमें कांग्रेस दो या दो से ज्यादा चुनाव हार रही है

इन सीटों में किशनपोल, सांगानेर, आदर्श नगर, मालवीय नगर, झोटवाड़ा , विद्याधरनगर, शाहपुरा, कोटपूतली, फूलेरा, चाकसू और बस्सी हैं. इस बार भी जयपुर की 19 में से सात सीटो पर बागियों ने ताल ठोक रखी है, जहां पर बागी ही तय फैसला

कोटपूतली- यहां मुकाबला होगा त्रिकोणिय
इस सीट पर जनता कांग्रेस, निर्दलिय, भाजपा सभी को मौका देती रही है, इस सीट पर किसी एक पार्टी का कब्जा नहीं रहा है, साल 1993 में कांग्रेस के रामचंद्र रावत,1998 में बीजेपी के रघुवीर सिंह, 2003 में निर्दलिय सुभाष चंद्र,  2008 में लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के रामस्वरूप कसाना, 2013 में फिर ये सीट कांग्रेस के राजेन्द्र यादव ने जीती,
इस सीट पर कांग्रेस ने इस बार भी अपने विधायक राजेन्द्र यादव को टिकट दिया है, इस सीट पर मुकाबला साफ तौर पर त्रिकोणिय होगा क्योंकि भाजपा ने मुकेश गोयल को टिकट दिया है लेकिन हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने इस सीट से कांग्रेस सरकार में संसदीय सचिव रहे रामस्वरूप कसाना को टिकट दिया है. ऐसे में इस सीट पर त्रिकोणिय मुकाबला होना तय है

दस सालों में कांग्रेस की क्या रही है उपस्थिति?

जातिगत समीकरण- इस सीट को यादव गुर्जर बाहुल्य सीट माना जाता है, वैश्य समाज के भी इस सीट पर अच्छी संख्या में वोट हैं, बीते चुनावों में 67 प्रतिशत मतदान हुआ था
कुल वोटर- 2, 05, 881
पुरूष-1,09,071

महिलांए- 96, 810

विराट नगर विधानसभा
परिसीमन से पहले ये सीट बैराठ कहलाती थी, जिस पर लगातार कांग्रेस की दिग्गज किसान नेता कमला बेनीवाल का कब्जा रहा, साल 1993 और 1998 में कमला बेनीवाल यहां से चुनाव जीती लेकिन साल 2003 में इस सीट पर भाजपा के राव राजेन्द्र जीत गये, 2008 में इस सीट का परीसीमन हो गया और इसके दो टुकड़े विराट नगर और शाहपुरा हो गये, विराट नगर की सीट से लगातार बीते दो चुनावों से भाजपा के फूल सिंह भिण्डा चुनाव जीत रहे हैं

जातिगत समीकरण- इस सीट पर जाट, गुर्जर मतदाता सर्वाधिक है, इसके चलते कांग्रेस गुर्जर और भाजपा जाट प्रत्याशी पर दाव खेलती है, बीते चुनावों में 72.3 प्रतिशत मतदान हुआ था
कुल वोटर- 2, 20, 571
पुरुष-1,09,417

महिलाएं- 96, 372

शाहपुरा विधानसभा
शाहपुरा विधानसभा सीट साल 2008 में परिसीमन के बाद बनी. इस सीट पर लगातार दो बार से भाजपा के राव राजेन्द्र का कब्जा है,

शाहपुरा सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणिय होने जा रहा है. इस सीट से कांग्रेस के बागी के तौर पर गुजरात की पूर्व राज्यपाल रही कमला बेनीवाल के बेटे आलोक बेनीवाल ने चुनावों में ताल ठोक दी है तो कांग्रेस ने मनीष यादव को टिकट दिया है. आलोक बेनीवाल इस सीट से लगातार दो बार चुनाव हार चुके हैं जिसके चलते कांग्रेस ने उनका टिकट काट दिया लेकिन वो इस बार बागी के तौर पर चुनाव मैदान में खड़े हो गये हैं. जिसके चलते कांग्रेस के सामने इस सीट पर दिक्कत हो गयी है

जातिगत समीकरण- इस सीट पर सबसे बड़ी तादाद में जाट और यादव मतदाता हैं. बीते चुनावों में 78.45 प्रतिशत मतदान हुआ था.
कुल वोटर- 2,08,452
पुरुष-1,09,324

महिलाएं- 98,452

चौमूं विधानसभा
चौमूं विधानसभा वैसे आती सीकर लोकसभा में है लेकिन ये जयपुर जिले का हिस्सा है. इस सीट पर एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा का रिवाज बना हुआ है. चौमूं में इस बार भाजपा के रामलाल शर्मा जीते थे. उससे पहले 2008 में भगवान सहाय सैनी चुनाव जीते थे. इस सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में ही है और इस बार भी पूराने प्रतिद्वंदियों के बीच मुकाबला होने जा रहा है. जहां भाजपा से रामलाल शर्मा और कांग्रेस से भगवान सहाय सैनी उम्मीदवार हैं

जातिगत समीकरण- इस सीट पर ब्राह्मण, जाट, यादव, माली मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. बीते चुनावों में 82.84 प्रतिशत मतदान हुआ था.
कुल वोटर- 2,19,708
पुरुष-1,14,398

महिलाएं- 1,05,307

जमवा रामगढ़ विधानसभा
इस सीट पर साल 1993 में भाजपा के राम राय शर्मा जीते थे. उसके बाद से लगातार तीन बार कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा रहा, साल 1998 और 2003 में कांग्रेस के रामचंद्र सराधना तो 2008 में इस सीट के परिसीमन के बाद एसटी में रिजर्व होने के बाद कांग्रेस के गोपाल मीणा जीते लेकिन साल 2013 में  कांग्रेस ने गोपाल मीणा का टिकट काट शंकर मीणा को दिया, लेकिन कांग्रेस से भाजपा ने इस सीट पर अपना कब्जा कर लिया. वर्तमान में भाजपा के जगदीश मीणा जमवा रामगढ से विधायक हैं, इस बार कांग्रेस ने फिर से गोपाल मीणा को टिकट दिया है, तो इस सीट पर मुकाबला भाजपा ओर कांग्रेस के बीच सीधा है

जातिगत समीकरण- यह सीट एसटी के लिए रिजर्व है, इस सीट पर सर्वाधिक मतदाता मीणा हैं. इसके अलावा अन्य जातियां जिनमें ब्राह्मण, वैश्य शामिल हैं, बीते चुनावों में 75.84 प्रतिशत मतदान हुआ था
कुल वोटर- 2,04,533
पुरुष-1,34,271

महिलाएं- 95,393

हवामहल विधानसभा
इस सीट को भाजपा की परम्परागत सीट माना जाता है,1998 में इस सीट से भंवर लाल शर्मा जीते, साल 2003 में सुरेन्द्र पारीक को जीत मिली हालांकि साल 2008 में यहां से बृज किशोर शर्मा कांग्रेस की सीट पर जीते, लेकिन 2013 में एक बार फिर भाजपा के सुरेन्द्र शर्मा चुनाव जीत गए, इस बार कांग्रेस ने पुर्व मंत्री बृजकिशोर शर्मा का टिकट काट कर जयपुर के पूर्व सांसद महेश जोशी को टिकट दिया है, बृजकिशोर शर्मा नाराज हैं लेकिन वो बगावत कर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं तो भाजपा ने पूर्व विधायक सुरेन्द्र पारीक पर ही भरोसा जताया है, इस सीट पर सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच होने जा रहा है

जातिगत समीकरण- यहां ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाता सर्वाधिक हैं. बीते चुनावों में 73.67 प्रतिशत मतदान हुआ था
कुल वोटर- 2,31,008
पुरुष-1,23,371

महिलाएं- 1,07,637

किशनपोल विधानसभा
भाजपा की परम्परागत सीट रही है, साल 1998 में कांग्रेस के  महेश जोशी ने भाजपा का रथ रोका था लेकिन उसके बाद से लगातार तीन बार से भाजपा के मोहन लाल गुप्ता चुनाव जीत रहे हैं, कांग्रेस बीते दो चुनावों से मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट दे रही है तो इस बार कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी अमीन कागजी को टिकट दिया है तो भाजपा ने मोहनलाल गुप्ता को टिकट दिया है इस सीट पर मुकाबला हर बार की तहर भाजपा-कांग्रेस में है

जातिगत समीकरण- इस सीट पर सबसे ज्यादा तादाद मुस्लिमों की है, उसके बाद वैश्य और ब्राहमण हैं, इस सीट से कांग्रेस मुस्लिम को टिकट देती है तो वहीं भाजपा वैश्य समुदाय को टिकट देती है.बीते चुनावों में 71.45 प्रतिशत मतदान हुआ था
कुल वोटर-1,96,306
पुरुष-1,04,227

महिलाएं-92,097

 

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Dr Sharad Purohit
Dr Sharad Purohithttps://x.com/DrSharadPurohit
शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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