राजस्थान की बिजली कंपनियों के ठेकाकर्मी चाहते है पक्का हक

राजस्थान की बिजली कंपनियों में कार्यरत ठेकाकर्मी अब आंदोलन की राह पर है। चुनावी वर्ष के विधानसभा सत्र से पहले उनको उम्मीद है कि बजट के जरिए सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी। राजस्थान विद्युत ठेका कर्मचारी संघ का आज एक दिवसीय धरना प्रदर्शन शहीद स्मारक जयपुर में रहा, इसके बाद चले वार्ताओं के दौर के बाद उनकी नियमितिकरण की प्रमुख मांग को बजट में घोषित करने की उम्मीद जगी है। ठेकाकर्मियों की मांग है कि जब तक नियमित ना किया जाए जब तक न्यूनतम वेतन किया जाए।

सीएम के नाम सौंपा मांगपत्र

सैंकडों की तादाद में शहीद स्मारक पर बिजली विभाग के ठेकाकर्मियों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने सीएम अशोक गहलोत के नाम मांगपत्र जारी कर चुनावी वर्ष के बजट में मांगों पर सुनवाई की उम्मीद जताई। आंदोलनरत कार्मिकों का कहना है कि राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में हजारों ठेका श्रमिक प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से विद्युत क्षेत्र में कार्यरत है।जिसमें राजस्थान विद्युत निगम में उत्पादन, प्रसारण और वितरण सहित विभिन्न जगहों पर ठेका कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है।

महंगाई बढ़ी, आय घटी

राजस्थान में विद्युत ठेका कर्मचारियों की स्थिति बहुत दयनीय है। जिसमें कार्य करने वाले ठेका कर्मचारियों को अपना घर परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है, राजस्थान सरकार द्वारा जो मिनिमम वेजेस तय किया गया है वह बहुत कम है और वो भी तीन से छः महीने तक मजदूरों को नहीं मिलता। कहीं-कहीं ठेकेदार श्रमिकों को सुरक्षा उपकरण भी उपलब्ध नहीं कराते हैं जिसके कारण प्रत्येक माह एक ठेका श्रमिक दुर्घटना का शिकार हो जाता हैं जिसमें उनकी जान भी चली जाती है, कुछ श्रमिक अंग गंवाकर जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाते हैं। आए दिन पर इस तरह के मामले हो रहे हैं। जिसमें निगम के द्वारा या ठेकेदार के द्वारा किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान नहीं करवाई जाती है जहां कहीं आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया गया वहां मृतक के परिजन आज तक उस सहायता के लिए दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।

प्लेसमेंट एजेंसी कर रही है शोषण

प्लेसमेंट एजेंसी के ठेकेदार श्रमिकों का कई तरह से शोषण कर रहे हैं जिसमें यदि कोई ठेका कर्मचारी अपने उचित वेतन की मांग करे, किसी प्रकार के सुरक्षा उपकरण की मांग करे या अपनी ड्यूटी 12 घंटे की बजाय 8 घंटे करने की बात करे तो उसे तुरंत कार्य से निकाल दिया जाता है। श्रम विभाग में शिकायत करने पर किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हो रही है, लेबर डिपार्टमेंट कर्मचारी की सुची मांगते हैं सुची देने पर ठेकेदार उन श्रमिक को नौकरी से निकाल देते हैं जो शिकायत दर्ज करवाते हैं। कार्मिकों ने मांग उठाई कि ठेका प्रथा को समाप्त करे और जो शिक्षित ठेका कर्मचारी हैं वर्षों से एक ही स्थान पर कार्य कर रहे हैं, उनको अनुभव के आधार स्थाई नौकरी प्रदान करे जब तक स्थाई नहीं किया जाए जब तक ठेका कर्मचारियों का वेतन 21 हजार रुपए प्रति माह किया जाए।

यह है प्रमुख मांगे

1 राजस्थान में विद्युत कि पांचों कंपनियों में प्लेसमेंट एजेंसी के द्वारा लगाए गए आई०टी०आई०व डिप्लोमा,बी टेक धारक,

अनुभवी और शिक्षित ठेका कर्मचारियों को अनुभव और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर स्थाई किया जाए ।

2 जब तक स्थाई नहीं किया जाए तब तक राजस्थान में विद्युत की पांचों कंपनियों में कार्यरत ठेका कर्मचारियों का वेतन

21000 रू प्रतिमाह किया जाए।

3 विद्युत क्षैत्र में सभी ग्रिड में सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती की जाए।

4 विद्युत ठेका कर्मचारियों को रोजगार गारंटी प्रदान की जाए।

5 कार्यस्थल पर दुर्घटना होने पर ठेका कर्मचारी को उचित मुआवजा दिया जाए तथा मृत्यु होने पर उसके परिवार में से एक

व्यस्क व्यक्ति को विभाग में स्थाई नौकरी प्रदान की जाए।

6 प्रतिदिन 8 घंटे से अधिक कार्य करने पर ठेका कर्मचारी को अतिरिक्त कार्य का डबल ओवर टाइम से वेतन भुगतान

किया जाए।

7- ठेका कर्मचारियों का वेतन माह की प्रत्येक 7 तारीख तक किया जाए तथा देरी होने पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन

का भुगतान प्रतिमाह के हिसाब से किया जाए ।

8 विद्युत कंपनियों में ठेका कर्मचारियों को प्रत्येक वर्ष 8.33 के हिसाब से बोनस का भुगतान किया जाए।

09 – विद्युत के सभी ठेका कर्मचारियों को ESI और PF से जोडा जाए ।

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Ankit Tiwari
Ankit Tiwarihttp://rajasthanchowk.com/
वर्ष 2003 से पत्रकारिता में। बिजनेस रिपोर्टिंग, उपभोक्ता अधिकारो, आम आदमी से जुड़े पहलुओं, उद्योग, ऑटोमोबाइल, टेलीकॉम, टैक्स, ऊर्जा, बैंकिंग और कृषि सेक्‍टर पर विशेष पकड़।बिजनेस सेमीनार, बड़े आयोजनों सहित बहुजनहिताय के मुद्दों पर रिपोर्टिंग।
--advt--spot_img