आकाश गौरव, जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव का मतदान खत्म होते ही पीसीसी चीफ के पद में बदलाव और ठहराव को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है। एक तरफ गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस के अनुमानित अच्छे प्रदर्शन की चर्चा है तो वहीं डोटासरा को राजस्थान कांग्रेस में तीसरे बड़े चेहरे के रूप में देखा जाने लगा है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण से पहले जनता में माहौल भाजपा के पक्ष में ही देखा जा रहा था और कांग्रेस भी चुनाव को लेकर ज्यादा उत्साहित नहीं दिख रही थी। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर विराम भी लग गया था। ऐसे में जब राहुल कसवां का टिकट भाजपा ने काट दिया और उनकी कांग्रेस में एंट्री हुई तो माहौल थोड़ा बदलने लगा। इसके बाद एकाएक बाड़मेर में उम्मेदाराम बेनीवाल, कोटा बूंदी में प्रह्लाद गुंजल, नागौर में हनुमान बेनीवाल से गठबंधन और सीकर में लेफ्ट से गठबंधन ने माहौल में बड़ा परिवर्तन किया। साथ ही विधानसभा चुनाव के कई दिग्गज बागियों की एंट्री भी हुई।
इन नेताओं की एंट्री का क्रेडिट गोविंद सिंह डोटासरा को दिया जाता है तो वहीं, माहौल बदलने में सचिन पायलट और अशोक गहलोत की भी बड़ी भूमिका देखी जा रही है। अब कांग्रेस के अंदर ही कुछ नेताओं को यह अंदेशा हो गया है की अगर गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में कांग्रेस बीते दो लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार खाता खोल लेती है तो क्रेडिट तो उन्हें जाएगा ही। साथ ही वे आगामी विधानसभा चुनाव में एक बड़े पद के दावेदार के रूप में भी उभर जायेंगे।
ऐसे में अब पीसीसी चीफ के पद को लेकर अलग अलग नामों की चर्चा होने लगी है जिसमें हरीश चौधरी, रघु शर्मा, मुरारीलाल मीणा और अशोक चांदना जैसे नाम भी शामिल हैं। हालांकि इनमें से किसी भी नाम पर सहमति कांग्रेस के हर खेमें की रजामंदी के बाद ही लगेगी। वहीं, चर्चित नामों में आप खेमें का अंदाज़ा लगा ही सकते हैं लेकिन सियासी जानकारों का यह भी कहना है की गोविंद सिंह डोटासरा अभी कुछ और समय तक पीसीसी चीफ बने रहेंगे।