चौक टीम, जयपुर। उपचार के पश्चात सामान्य जीवन की शुरूआत में प्लास्टिक सर्जरी प्रकिया अहम भूमिका निभा रहा है। सुपर माइक्रो सर्जरी की सहायता से स्तन पुनर्निर्माण, जबड़ा पुनर्मिर्माण, जननांग पुनर्निर्माण से अंग ना सिर्फ पहले की तरह काम करने लगता है, रोगी को भीर से एक बार पूर्णता का अहसास भी दिलाता है। इससे दिखने वाली विकृति भी खत्म हो जाती है।
विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस के मौके पर भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल के एडवांस्ड रिकंस्ट्रक्षन सेंटर के प्रमुख डॉ उमेश बंसल ने बताया कि अत्याधुनिक माइक्रो वेस्कुलर तकनीक के द्वारा कैंसर ग्रस्त हिस्से को निकालने के पष्चात हड्डी, चमड़ी एवं मासपेषियों को शरीर के दूसरे हिस्से से लेकर पुनःनिर्माण किया जाता है। जिससे पेशेंट को कम से कम विकृति होती है तथा अंग के पहले की तरह कार्य करने की प्रकिया भी जल्द ही शुरू हो जाती प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा लोकली एडवांस्ड कैंसर का इलाज संभव हो सकता है। एक साल में रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की टीम ने सेंटर में 550 से अधिक पुनःनिर्माण सर्जरी करके रोगी के जीवन को पहले की तरह सामान्य करने में अहम भूमिका निभाई है।
इसलिए है पुनःनिर्माण की आवश्यकता
प्लास्टिक एंड रिकंसट्रक्टिव सर्जन डॉ सौरभ रावत ने बताया कि सर्जरी के दौरान कैंसर की गांठ को शरीर से बाहर निकाला जाता है, ऐसे में कई बार उपचार के दौरान महत्वपूर्ण अंग जैसे जीभ, आहारनली, जबड़ा, स्तन आदि भी हटाया जाता है। ऐसे में रिकंस्ट्रक्षन सर्जरी की आवष्यकता होती है। इस सर्जरी की तकनीक में आने वाली आधुनिकताओं से फंक्षनल रिकंस्ट्रक्षन संभव हो रहे है। आज युवाओं से लेकर बुजुर्गों में इस तरह की सफल सर्जरी की जा रही है।
स्तन एवं जबड़ा पुनःनिर्माण सर्वाधिक
प्लास्टिक एंड रिकंसट्रक्टिव सर्जन डॉ उमेष बंसल ने बताया कि लोगों में इस सर्जरी को लेकर अब जागरूकता बढ़ने लगी है। महिलाओं में स्तन पुनःनिर्माण और पुरूषों में मुंहध्जबड़े के पुनःनिर्माण सर्वाधिक होने लगे है। मुंह के निर्माण से मुंह का टेढ़ापन, मुंह का नहीं खुलना, मुंह से पानी व लार का लगातर टपकना जैसी दिक्कतों से राहत दिलाई जाती है। डॉ बंसल ने कहा कि किसी भी तरह के उपचार के बाद अगर उपचारित अंग में वास्तविक अंग बनावट के विपरीत बनावट दिखे तो रिकंसट्रक्टिव सर्जन से सलाह जरूरी लेनी चाहिए।
कम बैक विद कॉन्फिडेंस इन सोसायटी अभियान शुरू
विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस के मौके पर बीएमसीएचआरसी की ओर से कम बैक विद कॉन्फिडेंस इन सोसायटी अभियान की शुरुआत हुई है। 15 दिवसीय इस अभियान के तहत विकृत अंगों के पुनःनिर्माण के लिए निःशुल्क परामर्श सेवा दी जाएगी। चिकित्सालय की मेडिकल डायरेक्टर डॉ गीतांजलि अग्रवाल जोषी ने बताया कि आज भी कई लोग सर्जरी के बाद उपचारित अंग की विकृति के साथ जीवन यापन करते हैं, यह विकृति उनकी मानसिकता पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता था। इसके कारण वह ठीक होने के पष्चात भी समाज की मुख्य धारा में अपने आत्मविष्वास के साथ नहीं जुड़ पाते। ऐसे लोगों को पुनःनिर्माण की सुविधा उपलब्ध करवाकर उन्हें आत्मविष्वास के साथ पहले की तरह सामाजिक जीवन शुरू करने के सहयोगी के तौर पर कम बैक विद कॉन्फिडेंस इन सोसायटी अभियान की शुरूआत की गई है।