राजस्थान के विद्युत निगमों में कार्यरत कार्मिक और अधिकारी संगठनों की संयुक्त बैठक हुई। मजदूर मैदान पावर हाउस बनी पार्क में आयोजित इस बैठक में सभी संगठनों के पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे। एकता मंच के बैनर तले राजस्थान सरकार और विद्युत प्रशासन द्वारा बिजली कर्मचारियों की उपेक्षा करने के मुद्दे पर गंभीर चिंतन हुआ। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलने पर गहरी नाराजगी जताई गई।
पांच मांगों को लेकर प्रदर्शन
एकता मंच की संयुक्त बैठक में कार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजट में इसकी घोषणा कर चुके हैं। राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन करने के बावजूद बिजली विभाग में इसे लागू नहीं करना विभागीय कार्मिकों के साथ अन्याय है। एकता मंच के बैनर तले हुई बैठक में सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने विभाग में o.p.s. लागू करने, इंटरकॉम ट्रांसफर नीति बनाने, अधिमान्यता कर्मचारियों को कनिष्ठ लिपिक पद पर पदोन्नति देने, तकनीकी सहायक के पद नाम परिवर्तन, कनिष्ठ अभियंताओं की ग्रेड पे 4800 करने सहित पांच सूत्री मांग पत्र पर सहमति जताई।
राजस्थान के सभी जिलों में आंदोलन
एकता मंच के बैनर तले आने वाले दिनों में प्रदेश व्यापी आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। एकता मंच ने तय किया कि 11 जनवरी को राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर और 18 जनवरी को विद्युत भवन पर प्रदेश व्यापी प्रदर्शन कर विभाग के अधिकारियों को चेताया जाएगा। सरकार से मांग की जाएगी कि इन पांचों मांगों पर तुरंत प्रभाव से निर्णय हो।
बजट घोषणा का नहीं मिला फायदा
अभय सिंह प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान विद्युत प्रसारण मजदूर कांग्रेस इंटक ने बताया कि मांगों को लेकर अब आंदोलन तेज किया जाएगा। पांचों मांगों पर सुनवाई नहीं होने पर कठोर निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि राजस्थान बजट घोषणा के बाद सरकारी कर्मचारियों को इसका लाभ दिया गया है। लेकिन निगमों में कार्यरत कार्मिकों को अभी तक इसकी घोषणा नहीं होने से लाभ नहीं मिल पाया है। अब इसका विरोध तेजी से हो रहा है बिजली कर्मचारियों की संख्या अधिक होने से आंदोलन का पूरा दारोमदार भी इन्हीं के कंधों पर है।