राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कांग्रेस सरकार पर ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इस परियोजना के लिए जल संसाधनों की संपत्तियां बेच दीं, जबकि भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही इसे लागू करने के लिए ठोस प्रयास किए।
ईआरसीपी का शिलान्यास और बड़े कार्यों की शुरुआत
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के बीच इस परियोजना को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं और इसका शिलान्यास भी कर दिया गया है।
- पहले चरण में 1060 करोड़ रुपये की लागत से काली सिंध पर नौनेरा बांध का लोकार्पण हो चुका है।
- 9416 करोड़ रुपये के अन्य कार्यों की भी आधारशिला रखी गई है।
- इस परियोजना के तहत बनारस, मोरेल, बाणगंगा, रूपारेल, गंभीरी जैसी नदियों को पुनर्जीवित किया जाएगा, जिससे भूजल स्तर बढ़ेगा।
कांग्रेस पर लगाए आरोप
सुरेश रावत ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने जनता से झूठे वादे किए और जल संकट के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा अच्छे कार्यों में बाधा डालता रहा है।
बीसलपुर बांध की भराव क्षमता बढ़ाने पर काम शुरू
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि बीसलपुर बांध में पिछले 30 वर्षों से गाद जमा हो रही है, जिससे इसकी जल संग्रहण क्षमता कम हो गई है।
- सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए सोमकमला समेत अन्य बांधों की ड्रेजिंग शुरू कर दी है।
- इसके अलावा, ब्राह्मणी नदी के पानी को बीसलपुर तक लाने के लिए 54.6 एमसीएम क्षमता का बैराज बनाया जा रहा है।
परंपरागत जल संरक्षण पद्धतियों को अपनाएगी सरकार
सरकार ने राजस्थान में परंपरागत जल संचयन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है।
- झीलें, नाड़ी, टांका, बावड़ी और झालरा जैसी पद्धतियों को पुनर्जीवित किया जाएगा।
- शेखावाटी क्षेत्र की जल समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
यमुना जल समझौते पर कांग्रेस को घेरा
मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव में यमुना जल समझौते को रद्द करने का वादा किया था, लेकिन राजस्थान की जनता को निराशा ही मिली। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इस मुद्दे पर स्पष्ट नीति के साथ काम कर रही है और जल संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है।