राजस्थान में होने वाले साल 2018 के विधानसभा चुनाव में दोनों ही दिग्गज पार्टियां जीत हासिल करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। दोनों ही पार्टियों के प्रत्याक्षी जीत हासिल करने के लिए चुनावी रणभूमि में जोर शोर से प्रचार कर रहे हैं। पार्टियों द्दारा चुनाव प्रचार में खर्च हुए व्यय का सारा ब्यौरा नियुक्त किए गए व्यय पर्यवेक्षकों के द्दारा किया जाएगा।
गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण प्रकोष्ठ के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। जिसकी अध्यक्षता पर्यवेक्षक डॉ.वेदांशु त्रिपाठी और भूपेन्द्र सिंह अनंत ने की। डॉ.वेदांशु त्रिपाठी ने बताया कि प्रत्याशियों को अपने समस्त दस्तावेज सहित चुनाव में होने वाले सारे खर्चे का ब्यौरा निर्धारित तिथियों तक लेखा दल के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। यदि प्रत्याक्षियों द्दारा ऐसा नहीं किया जाएगा तो उनके खिलाफ विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में उन्होंने निर्देश दिए है, कि नगद लेनदेन पर बैंक द्वारा नजर रखी जाये। निगरानी दलों द्वारा जब्त राशि की सूचना आयकर विभाग को दी जाये। अवैध शराब व हथियार जब्ती की तत्काल रिपोर्ट प्रस्तुत की जाये। प्रतिदिन समाचार पत्रों व इलेक्ट्रोनिक चैनलों पर प्रसारित होने वाले विज्ञापनों व पेड न्यूज संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाये।
वहीं व्यय पर्यवेक्षक भूपेन्द्र सिंह अनंत ने कहा कि उड़नदस्ते, एसएसटी, वीडियो निगरानी दल संबंधित विधानसभा क्षेत्र का भ्रमण करते हुए निर्वाचन व्यय पर नजर रखें। चुनावी सभा, रैलियों आदि की ध्यान से वीडियोग्राफी करवायी जाये।
आवश्यकतानुसार पुलिस नाकों की संख्या बढ़ायी जाए तथा आबकारी विभाग द्वारा वाहनों व शराब की दुकानों की सघनता से तलाशी, निरीक्षण किया जाये। उन्होंने निर्देश दिए कि मतदान तिथि से पूर्व के सात दिवस एवं अंतिम 72 घण्टों में विभिन्न निगरानी दलों को और अधिक सक्रिय किया जाये। व्यय संवेदनशील क्षेत्रों में सतत निगरानी रखी जाए।