आचार संहिता का उल्लंघन, तय सीमा से 10 गुना ज्यादा खर्च कर रहे हैं प्रत्याशी

राजस्थान में 7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आज प्रचार का आखिरी दिन है. आज शाम 5 बजे आचार संहिता लगने के बाद चुनाव प्रचार का दौर थम जाएगा जो कि नामांकन प्रक्रिया के साथ शुरू हो गया था. लगभग एक महीने तक चले इस प्रचार में प्रत्याशियों ने जनता तक पहुंचने के लिए जी-जान लगा दी. इस दौरान उन्होंने जनसभाएं की, रैलियां की और रोड शो भी निकाले. वहीं चुनाव आयोग भी प्रचार के दौरान प्रत्याशियों द्वारा किये गए खर्च पर नजर रखे हुए है. आयोग ने एक प्रत्याशी के खर्चे की सीमा 28 लाख रूपये तय की हुई है लेकिन अगर वास्तविक खर्च की बात करें तो अनुमानित खर्च के हिसाब से यह तय सीमा पूरी हो चुकी है.

प्रत्याशियों द्वारा चुनाव आयोग को जितना खर्च बताया जा रहा है, अनुमान के अनुसार वे रोजाना उस से 10 गुना अधिक खर्च कर रहे है. प्रत्याशी रोजाना अपना औसत खर्च 30 हजार रूपये तक बता रहे है लेकिन वास्तव में चुनाव प्रचार, वाहनों सहित अन्य चीज़ों पर रोजाना लगभग 3 लाख रूपये खर्च किये जा रहे है. इस हिसाब से देखा जाए तो चुनाव आयोग द्वारा तय की गई खर्च की सीमा पहले ही पूरी हो चुकी है.

प्रदेश में जिन सीटों पर प्रत्याशियों के बीच मुकाबला कड़ा है, उन सीटों पर खर्च भी अधिक हो रहा है. वहीं अगर प्रत्याशियों द्वारा खर्च के गलत दस्तावेज पेश करने की बात करें तो ऐसे प्रत्याशियों को तीन वर्ष के लिए सांसद और विधायक सदस्य होने से अयोग्य घोषित किया जा सकता है.

खर्च कहां कहां

अगर प्रत्याशियों द्वारा किये गए खर्च की बात करें तो उनका ज्यादा खर्च प्रचार के लिए वाहन, कार्यकर्ताओं के लिए चाय-नाश्ता, माला, प्रचार सामग्री, चुनाव कार्यालय जैसी चीज़ों पर जमकर पैसा लगा रहे है लेकिन चुनाव आयोग को दिए गए ब्यौरे में इनका खर्च कम दिखा रहे है. हालाँकि अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से प्रत्याशियों के खर्च की जानकारी नहीं दी गई है.

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
Dr Sharad Purohithttps://x.com/DrSharadPurohit
शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
--advt--spot_img