सांगानेर विधायक व पूर्व महापौर डॉ अशोक लाहोटी ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस सरकार के द्वारा बार-बार बिजली की दरों में बढोतरी किये जाने के विरोध में प्रदर्शन कर सांगानेर विधानसभा के बिजली विभाग अधिशाषी अभियंता कार्यालय में ज्ञापन दिया।
विधायक लाहोटी ने बताया कि ज्ञापन के दौरान भाजपा के मंडल अध्यक्ष, पार्षद, पार्षद प्रत्याशी व पार्टी के कार्यकर्ताओं व विकास समितयों के पदाधिकारियों सहित हजारों स्थानीय निवासी भी मौजूद रहे।
विधायक लाहोटी ने बताया कि पूर्ववती भाजपा सरकार में जो फ्यूल सरचार्ज 18 पैसे प्रति यूनिट हुआ करता था, वह कांग्रेस सरकार ने बढाकर 60 पैसे प्रति यूनिट औसतन कर दिया। 2018 में बिजली की प्रति यूनिट दरें 5 रूपए 55 पैसे हुआ करती थी वह अब बढाकर 11 रूपए 90 पैसे कर दी गई है।
लाहोटी ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती एक तरफ सरकार 23.309 मेगावाट क्षमता बिजली उत्पादन के साथ सरप्लस बिजली होने की बात कहती है, दूसरी तरफ प्रदेश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 6-10 घंटे अघोषित बिजली कटौती करती है। वही राजस्थान में सबसे महंगी बिजली मिल रही है।
लाहोटी ने बताया कि प्रदेश के करीब डेढ करोड विद्युत उपभोक्ताओं को 17 रूपए प्रति यूनिट बिजली महंगी दी जा रही है। गहलोत सरकार ने दिसबंर 2018 से जून 2022 तक 13 बार फ्यूल सरचार्जों में वृद्धि कर अन्य राज्यों के मुकाबले चालीस प्रतिशत मंहगी बिजली उद्योगों को दी जा रही है। महंगी बिजली खरीद के बाद फिर कटौती का संकट उद्योगों को झेलना पड रहा है, प्रत्येक सप्ताह में रोटेशन के नाम पर बिजली कटौती की जा रही है।
विधायक लाहोटी ने बताया कि मंहगाई राहत कैंप के नाम पर जो रजिस्ट्रेशन करके अपना प्रचार – प्रसार किया जा रहा हैं। उसे तो 01 अप्रैल से स्वतः ही लागू की जानी थी। पहले से चल रही केन्द्र सरकार और पूर्ववर्ती सरकारों की योजनाओं का पुनः पंजीकरण कराने से आमजन को सिवाय परेशानी के काई लाभ नहीं होगा।