चौक टीम, जयपुर। राजस्थान की सभी कृषि उपज मंडियों में सोमवार से कृषि मंडी शुल्क लागू हो गया है। इस शुल्क को खत्म करने की मांग को राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने मगंलवार से चार दिवसीय व्यापार बंद की घोषणा की हैं। संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने बताया कि अभी तक कृषक कल्याण शुल्क आधा फ़ीसदी था, जो कि सोमवार से एक फ़ीसदी हो गया है। सरकार को मांग पत्र दिया हुआ है।
कृषक कल्याण फीस समाप्त की जाए, मण्डियों के बाहर और भीतर एक कर वसूला जाए, राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के भवन के लिए आवंटित भूखण्ड पर सरकार की ओर से मांगी जा रही एक प्रतिशत वार्षिक लीज मनी की मांग को समाप्त किया जाना चाहिये।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के तत्वावधान में राजस्थान संघ के मुख्यालय पर आयोजित राज्य बजट पूर्व परिचर्चा 2024-25 के विषय पर चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने यह मांग रखी। गुप्ता ने चर्चा के दौरान यह भी कहा कि मण्डी सेस एक प्रतिशत कर दिया जाये, नाम परिवर्तन पर 2.5 प्रतिशत से घटाकर 0.50 प्रतिशत नाम परिवर्तन राशि मण्डी समिति द्वारा दुकान मालिक से ली जानी चाहिये, किराये की दुकानों में बैठे व्यापारियों को मालिकाना हक डीएलसी की 25 प्रतिशत राशि पर दिया जाना चाहिय, साथ ही जहां डीएलसी की दर अंकन में विसंगति है उसका समाधान मण्डी स्तर पर किया जाना चाहिये।
गुप्ता ने उद्योग की चर्चा करते हुए मांग की है कि नयी औद्योगिक इकाईयों की तरह ही पुरानी औद्योगिक इकाईयों को भी रिप्स में मिलने वाली छूट दी जानी चाहिये, जयपुर सिटी के चारों ओर हाईटेक एरिया विकसित करवाकर औद्योगिक पार्क बनाये जाने चाहिये, उद्योगों को बिजली समय पर मिले, पूरी मात्रा में मिलें, सुनिश्चित किया जाना चाहिये। कृषि उत्पाद की कुछ मण्डियों को वहां की पैदावार के अनुसार छोटी-छोटी इकाईयों के साथ औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिये, कोरिडोर एरिया में शीघ्रता से औद्योगिक क्षेत्र नियोजित किये जायें, हाईवे से जुड़ने वाले औद्योगिक क्षेत्र को सुगम परिवहन व्यवस्था से जोड़ा जाना चाहिये।
रीको क्षेत्र में जहां फैक्ट्रियां नहीं चल रही है वहां मैरिज हॉल बनाने, होटल बनाने तथा वेयरहाऊस खोलने की स्वीकृतियां, इन कार्यों को औद्योगिक दर्जा देते हुए किया जाना चाहिये।
बाबू लाल गुप्ता ने पुरजोर मांग की है कि आकेड़ा तथा जाटावाली औद्योगिक क्षेत्र में प्राथमिक आवश्यकताओं यथा- बिजली, पानी सड़क, ड्रेनेज, मोबाइल नेटवर्क, थाना आदि का विस्तार शीघ्र किया जाना चाहिये।
अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने जीएसटी में 2017-18 के मिसमैच के मामलों पर कहा कि इन्हें एमनेस्टी स्कीम लाकर निपटायें जाने चाहिये, आयकर की तरह फेसलै जीएसटी जांच के नोटिस दिये जायें, जीएसटी इनपुट मिलान मासिक आधार के बजाय वार्षिक आधार पर किये जायें, फर्जी बिलों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ईमानदार व्यवसायी का कार्य करना कठिन हो गया है। इसे रोका जाना चाहिये, जीएसटी रिपोर्ट जीएसटी पोर्टल पर आसानी से उपलब्ध होनी चाहिये, आर.सी.एम. के मामलों को एमनेस्टी स्कीम लाकर निपटारा किया जाना चाहिये, धारा 67 को पुनः लिखा जाना चाहिये क्योंकि इसमें सर्वे के साथ ही अधिकारी पंजीकृत डीलर को चोर घोषित करते हुए उपलब्ध माल को जब्त करता है यह विधि विरुद्ध है।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ द्वारा आयोजित राज्य बजट पूर्व परिचर्चा 2024-25 में मसाला उद्योग के प्रतिनिधि रामावतार अग्रवाल; तेल मिल उद्योग के प्रतिनिधि मनोज मुरारका; दाल मिल उद्योग के प्रतिनिधि मधुसूदन गर्ग, पवन अग्रवाल; राजधानी मण्डी से रामचरण नाटाणी, लक्ष्मीनारायण डंगायच, रमेशचन्द कूलवाल, अविनाश जैन, गोरधन खूंटेटा, महेशचन्द अग्रवाल, घासीराम अग्रवाल, रामावतार बटवाड़ा, कैलाश चन्द कायथवाल तथा सूरजपोल मण्डी से केदारनाथ अग्रवाल, श्याम नाटाणी परिचर्चा में शामिल हुए।