कोटा के महावीर नगर थाने में 23 अगस्त को पुलिस कस्टडी में हुई युवक हनुमान की मौत के मामला तूल पकड़ता जा रहा है. आज पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया के नेतृत्व में भाजपा के प्रतिनिधी मंडल ने मामले में सही ढंग से जांच नही होने का आरोप लगाते हुए डीजीपी भूपेन्द्र सिंह से मुलाकात की. आपको बता दे कि महावीर नगर पुलिस ने 23 अगस्त को हनुमान को शांतिभंग के मामले में गिरफ्तार किया था. सुबह करीब 9.30 से 10 बजे के बीच हनुमान की अचानक तबीयत खराब हुई.
थाने का स्टाफ उसे मेडिकल कॉलेज ले गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. मामले को लेकर पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने आरोप लगाये कि हनुमान की थाने में संदिग्ध अवस्था में मौत हुई है. पुलिस ने हनुमान की मौत के बाद सभी को गुमराह करने का प्रयास किया. मृतक की पत्नी से जबरदस्ती हस्ताक्षर करवा लिये गये. इतना ही नही घरवालों की अनुमति के बिना ही मृतक का पोस्टमार्टम करवा लिया और आनन फानन में अपने स्तर पर ही स्थानीय पुलिस ने कुछ परिजनों को साथ में लेकर मृतक का अंतिम संस्कार भी करवा दिया. अंतिम संस्कार में सभी परिजन शामिल भी नही हो पाये थे.
पुलिस ने मौत के कारणों को छिपाने के लिए साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने का प्रयास किया. पूर्व गृहमंत्री ने मांग की है कि मामले में हत्या की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज हो साथ ही परिजनों को मुआवजे की राशी दिलवायी जाये। इस दौरान पूर्व मंत्री वासुदेव देवनानी व मदन दिलावर भी मौजूद रहे।