पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने CM भजनलाल को फिर से लिखा पत्र, इस बार पिछली गहलोत सरकार पर लगाए ये बड़े आरोप; जानिए

राजस्थान में भजनलाल सरकार के आते ही पत्र व्यवहार की श्रृंखला शुरू हो गई। जिसकी शुरूआत मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने सरकार में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए की।

चौक टीम, जयपुर। राजस्थान में भजनलाल सरकार को आए दिन भाजपा नेता किसी ना किसी मुद्दे को लेकर पत्र लिख रहे हैं। इसकी शुरूआत मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने सरकार में चल रहे भ्रष्टाचार को उजागर करते हुए की थी। इसी क्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा कोयला खरीद में किए गए भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच किये जाने के संबंध में लेटर लिखा है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने पत्र में लिखा है कि, ‘गत कांग्रेस सरकार में राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा आरटीपीपी एक्ट के नियमों की धज्जियां उडाते हुए मई, 2022 में लगभग 1200 करोड़ रुपए का विदेश से कोयला आयात किए जाने के संस्थागत भ्रष्टाचार की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। तत्समय केन्द्र सरकार द्वारा विदेश से कोयला आयात कर मिक्स करने का आदेश जारी किया गया था जो उन विद्युत संयंत्रों के लिए था जहां निर्धारित क्षमता से अधिक कोयला उपयोग में आता हो।’

उन्होंने आगे लिखा कि ‘उस समय राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के 80% के बजाए 55% से 65% प्लांट ही संचालित थे क्योंकि यह समस्त प्लांट अपने पीएलएफ (प्लांट लोड फेक्टर) के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पा रहे थे अर्थात् विद्युत संयंत्रों को आवंटित कोयले का ही पूरा उपयोग नहीं हो पा रहा था। इसके बावजूद तत्कालीन जिम्मेदार अफसरों ने अपने चहेतों को फायदा पहुचाने के उद्देश्य से अनावश्यक रूप से विदेश से कोयला आयात करने का ताना-बाना बुना। आवंटित कोयले के उपयोग में नहीं आने की सूचना उत्पादन निगम को केन्द्र उच्चाधिकारियों ने भ्रष्टाचारपूर्ण तरीके से आरटीपीपी के आधार पर 206 डॉलर मीट्रिक टन सीआईएफ रेट से निजी कम्पनी को दे दिया।’

राजेंद्र राठौड़ ने पत्र में लिखा कि ‘सरकार को देनी चाहिए थी, परन्तु तत्समय नियमों को ताक पर रखते हुए सिंगल टेंडर के 5.79 लाख मीट्रिक टन का ऑडर अपनी चहेती निजी कंपनियों को दे दिया। वर्ष 2022-23 में दूसरे राज्यों / एनटीपीसी के आदेशों में कोयले की दरें काफी कम थी जिस पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया और कोयले की गुणवत्ता के पैमाने को नजरअंदाज करते हुए जानबूझकर निजी कम्पनियों से उच्च दरों पर निम्न स्तर का कोयला आयात किया गया जिससे राज्य को लगभग 500 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।’

उन्होंने आगे लिखा कि ‘इतना ही नहीं तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा सूरतगढ़ थर्मल प्लांट में कोयले के साथ निक्स करने के लिए अपनी चहेती फर्म वीएस लिग्नाइट पावर से 1.25 लाख टन लिग्नाइट की खरीददारी की गई जबकि सूरतगढ़ थर्मल प्लांट के बॉयलर, लिग्नाइट के लिए उपयुक्त ही नहीं है। लिग्नाइट के उपयोग से उक्त प्लांट के बॉयलर खराब हो चुके थे और उनकी मरम्मत में भारी खर्चा था जिसके कारण यह लंबे समय तक बंद भी रहे। लिग्नाइट की उपयोगिता नहीं होने के कारण राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा खरीदे गए लिग्नाइट का लगभग आधा भाग खराब हो गया जिससे राज्य को नुकसान हुआ और मैसर्स् वीएस लिग्नाइट पावर को लगभग 60 करोड़ रुपए का फायदा हुआ।’

राजेंद्र राठौड़ ने लिखा कि ‘तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम आयातित कोयले एवं सूरतगढ़ थर्मल प्लांट में निजी फर्म से लिग्नाईट की खरीद के संस्थागत भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच करवाए जाने के हेतु आवश्यक कार्यवाही करवाये अनुग्रहित करावें।’

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लेखक परिचय

Dr Sharad Purohit
Dr Sharad Purohithttps://x.com/DrSharadPurohit
शरद पुरोहित एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं, जिन्होंने मीडिया के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वह हिंदी समाचार चैनल 'Zee News', 'सहारा समय और 'ETV News राजस्थान' में भी वरिष्ठ संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे हैं। जयपुर में रहते हुए शरद पुरोहित अपराध पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान बनाई और उनकी रिपोर्टिंग ने अपराध जगत से जुड़े कई मामलों पर गहराई से प्रकाश डाला। वह डिजीटल मीडिया के क्षेत्र में भी कुशल माने जाते हैं। उन्होंने डिजिटल मीडिया में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हुए देश का पहला हिंदी ओटीटी न्यूज़ प्लेटफार्म 'The Chowk' की शुरुआत की, जिसमें वह सीईओ की भूमिका निभा रहे हैं। शरद पुरोहित का योगदान न केवल पारंपरिक पत्रकारिता में, बल्कि डिजीटल प्लेटफार्म पर भी अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
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