चौक टीम, जयपुर। गुजरात की पूर्व राज्यपाल और दिग्गज कांग्रेस नेता कमला बेनीवाल ने बुधवार को जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 97 वर्ष की थीं। वह राजस्थान की उपमुख्यमंत्री भी रह चुकी थीं। तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी अंत्येष्टि आज जयपुर में होगी। कमला बेनीवाल राजस्थान की पहली महिला राज्यमंत्री थीं। उनके बेटे आलोक बेनीवाल शाहपुरा से निर्दलीय विधायक रह चुके हैं।
कमला बेनीवाल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक शोक संदेश में कहा कि ‘डॉ. कमला बेनीवाल जी के निधन से दुखी हूं। उनका राजस्थान में एक लंबा राजनीतिक करियर था, जहां उन्होंने परिश्रम के साथ लोगों की सेवा की। जब वह गुजरात की राज्यपाल थीं और मैं मुख्यमंत्री था, मेरी उनसे अनगिनत बार बातचीत हुई थी। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’ अशोक गहलोत, गोविंद सिंह डोटासरा और सचिन पायलट समेत राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने कमला बेनीवाल के निधन पर गहरा दुख जताया है।
वहीं आज सुबह राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और राजस्थान की पूर्व उप मुख्यमंत्री कमला बेनीवाल को श्रद्धांजलि दी। वहीं आज बेनीवाल के मालवीय नगर स्थित निवास स्थान पर जाकर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। बेनीवाल की पार्थिव देह पर कांग्रेस का झंडा दिखाई दे रहा है। कमला जी के बेटे आलोक बेनीवाल हाल ही कांग्रेस छोड़कर BJP में आ गये, लेकिन कमला जी तो कांग्रेस के झंडे में ही दुनिया से विदा हुई।
बता दें कांग्रेस की जाट राजनीति का चेहरा रहीं कमला बेनीवाल भी उपचुनावों से ही निकलीं। उन्होंने 1954 में आमेर विधानसभा सीट से उपचुनाव जीता। इसके बाद वे राजस्थान की उपमुख्यमंत्री से लेकर गुजरात और मिजोरम की राज्यपाल तक बनीं। साल 2003 में कमला बेनीवाल उपमुख्यमंत्री बनी। बतौर मंत्री बेनीवाल के बाद गृह, चिकित्सा और स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि सहित विभिन्न महत्वपूर्ण विभाग रहे। अशोक गहलोत सरकार में भी वे राजस्व मंत्री रहीं।
इसके बाद डॉ. कमला को 2009 में त्रिपुरा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। वह पूर्वोत्तर भारत के किसी भी राज्य की पहली महिला राज्यपाल थीं। एक महीने बाद, उन्हें 27 नवंबर 2009 को गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने चार साल से अधिक समय तक सेवा की। 6 जुलाई 2014 को उनका तबादला मिजोरम के राज्यपाल पद पर कर दिया गया।